आया था दौर फिर से किताबे खोलने का
सब छोडकर काम बस पढाई मे लगने का
इतना आसान भी नही होता वापस आना
जो छोड दिया आलम उससे फिर जुडने का-
Civil Engineer: Govt Services
family Lover : A husband A son A fa... read more
क्यों सोचो कि वह मेरी क्या है
वह मेरी है यह जरूरी है मेरे लिए
हमेशा हर कोई साथ न रहे पाये
पर अब वह बहुत कुछ है मेरे लिए-
तुम अक्सर यूं ना मिलना कि हम नजदीक ना हो जाएं
और मैं हमेशा मिलना चाहूंगा कि हम नजदीक हो जाएं-
आज भी वही हल्की बारिश जो तेरे साथ थी
मौसम ऐसा ही था बस तू मेरे पास थी
आज भी साथ की सीट पर तरासता हूं तुझे
तेरे संग बीते हर पल बहुत याद आता है मुझे-
कहीं संभाल के रख लेना यह पंक्तियां मेरी
जो मैंने तुझसे पहले मुलाकात में लिखी है
शायद काम आ जाए तेरे एक दिन यह
तुझे याद करके भी किसी ने आहे भरी है-
वह भी महज एक इत्तेफाक था
बारिश का मौसम तेरा साथ था
उस दिन मैं तेरे बहुत खास था
पहली मुलाकात हाथ में हाथ था-
कहने को बहुत है पर बहन भाई का रिश्ता खास होता है
दूर बेशक रहते हैं पर दिल से एक दूसरे का साथ होता है
अब तो मिलने के लिए आपस में बहाने तलाशने होते है
याद कितनी भी आये, अपने आंसू संभालने पडते है
-
कहते हैं अक्सर लोग बदल जाते हैं
आकर पास हमारे दूर चले जाते हैं
रात दिन बस वो हमें तड़पाते हैं
फिर याद हमें बहुत याद आते हैं-
तीज में जो तूने मेहँदी रचाई है
फिर मुझे याद उस दिन की आयी है
वो सावन तेरी पहेली तीज थी
पास होके भी तू मुझसे दूर थी-
हम हाल ए दिल आपको बता नहीं सकते
टूटे हुए अरमानों का दर्द जता नहीं सकते
बेशक हम आपके पास अब आ नहीं सकते
पर दूर भी अब तुझ से हम जा नहीं सकते-