कौमुदी   (कौमुदी)
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Joined 10 May 2019


Joined 10 May 2019
25 JUL 2022 AT 15:50

प्रेम निशुल्क होते हुए भी इस सृष्टि का सबसे महंगा सुख है।

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18 JAN 2022 AT 10:59

भावनाओं का कहाँ द्वार होता है
जहाँ मन मिल जाए
वहीं हरिद्वार होता है।

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21 SEP 2021 AT 8:15

खुशियों रूपी दरिया में आपकी जीवन कश्ती हो
सदा वही स्पर्श करे हवा, जिस हवा में खुशबू हो
जन्मदिन के पन्नो पर बस सुख की भरी कहानी हो
बार बार ये दिन आए जब तक सागर में पानी हो
घर आँगन गुलजार रहे ,दामन में बस अच्छाई हो
हृदयतल से जन्मदिवस पर बारम्बार बधाई हो

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20 SEP 2021 AT 19:49

माँ की तरह कोई ख़याल रखे।
ये तो एक खयाल ही हो सकता है।

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14 SEP 2021 AT 9:23

हिंदी भाषा अमर रहे
हिंदी भाषा अमर रहे....
कश्मीर से कन्याकुमारी
असम से गुजरात तक
प्यारी भाषा हिंदी बने
इस पे न किसी का बैर रहे
हिंदी भाषा अमर रहे....

भारत की पावन धरा पर
संस्कृति यूँ सरसराती रहे
जिस धरा के पैर पखारे हिन्द
हिंदी ही उसकी परंपरा रहे
हिंदी भाषा अमर रहे....

माँ की लोरी दादी की कहानी
सुनते सुनते आई जवानी
धारा प्रवाह इतना सरल
जैसे गंगा का निर्मल पानी
राष्ट्र भाषा बनाने में इसको
अब न कोई कसर रहे

सम्मान यही अरमान यही
गुणगान यही अभिमान यही
लगा रहे प्रेम हिंदी में
पीढ़ी से पीढ़ी ये संस्कार रहे
हिंदी भाषा अमर रहे .....
हिंदी भाषा अमर रहे....💐

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16 AUG 2021 AT 15:01

यूँ तो मैं बहुत हिम्मत वाली हूँ
पर कभी कभी बिखर जाती हूँ
मुसीबतों में भी अक्सर मुस्कुराती हूँ
रास्ते के पत्थर आए तो गिर जाती हूँ
आँधी आई, ओढ़ चुनर सिमट जाती हूँ
अपनों ने दिया प्यार तो निखर जाती हूँ
यूँ तो बहुत हिम्मत वाली हूँ
पर कभी कभी बिखर जाती हूँ
अपनों की कुछ बातें सुनकर
अपनों की कुछ हरकतें देखकर
यूँ तो बहुत हिम्मत वाली हूँ
पर कभी कभी बिखर जाती हूँ।।


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4 AUG 2021 AT 13:30

बहुत दूर तक जाना पड़ता है
ये जानने के लिए
कि
सबसे नजदीक कौन है

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18 JUL 2021 AT 14:43

प्रेम तो है अमिट कहानी
है दुनिया जिससे अनजानी
खुद को जिसमें मिटाना है
मिटाकर सम्पूर्ण बनाना है
रहता सिर्फ एहसास है
बस आनंद ही आसपास है
मिलने का न कोई सुकून
न ही बिछड़ने का कोई गम
प्रेम का जहाँ , न इस जहाँ होगा
न कोई बंदिशें न कोई वादा होगा
जहां हम होंगे , बस प्रेम होगा
वहाँ बस जीवन का इरादा होगा

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7 JUL 2021 AT 9:18

आज तुम्हारे जन्मदिवस पर
मिले तुम्हें यह उपहार
खुशियां तुम्हारी दो गुनी हों
ऐश्वर्य मिले अपार
आने वाली हर घड़ी
लाएं भविष्य सुनहरा
न आये कोई बाधा
न हो कोई दुख गहरा
उजियारी हो हर रात
हर दिन हो वसन्त जैसा
अपनों का प्यार मिले
जेब में हो रुपया और पैसा
दो तुम सबको मुस्कान
सबसे तुम्हें मुस्कान मिले
तुम्हें तुम्हारे सपनों का
हर सम्भव मुकाम मिले
तुम्हारे इस जन्मदिवस पर
प्रभु से बस ये विनती
मिले तुम्हें इतनी खुशियां
कर न पाओ गिनती

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5 JUL 2021 AT 20:21

व्यस्त रहकर दूरी हम बढ़ाएंगे
स्वस्थ रहकर कोरोना को हराएंगे
दिल की दूरियां नहीं बढ़ानी है
शरारत करके भी नहीं करनी शैतानी है
दो गज दूर रहकर ही जिम्मेदारी निभानी है
डॉक्टर की बात मानेंगे , नहीं करनी मनमानी है

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