katibvishu   (©Katibvishu)
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Joined 29 July 2018


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Joined 29 July 2018
3 FEB 2022 AT 23:46

ज्यों लिपटी हो वस्ल से तनहाई,
आबो हवा से तेरी खुश्बू ए जुदाई,
अंधेरे में चेहरे की सफेद परछाई,

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31 JAN 2022 AT 10:22

अगर रिश्ते समझ में आ जायें
तो उन्हें सुलझाने की
कभी जरूरत नहीं पड़ती।

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29 JUL 2018 AT 22:29

रात के ख्वाब तले एक चेहरा धुंधलाया,
पानी की अठखेलियों में अपने दिल को बहलाया,
जब दिल न बहला तो सुहानी शाम हो गयी,
और खामोश थी वो शाम जब तेरा ख्याल आया।

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19 JAN 2022 AT 16:06

पलकों आँखों का मेल,
गुलाबी रंगी धड़कन तेरी,
छुक छुक चलती रेल...

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27 DEC 2021 AT 22:46

पाने को कुछ बचा नहीं,
मुझे अब भी उससे मुहब्बत है,
इससे बड़ी कोई सजा नहीं।

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24 DEC 2021 AT 20:34

कि वो अब मेरा नहीं,
दुःख इस बात का है
कि अब से मैं मेरा नहीं।

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12 DEC 2021 AT 20:14

Save humanity.
Life is all about today.
Small things give happiness.

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10 DEC 2021 AT 12:05

जिसने तुमसे महकने सीखा,
सांसों में बैठने वाली वो खुशबू
जिससे लोग मुझे पहचानने लगे

वो सोंधी गंध आज भी अक्षत, रोली, सिन्दूर,
काजल हर सिंगार से महकती है
यहां तक कि हरसिंगार के
अपराजिता के फूलों से भी

जहां मुझे तुम्हारे गले की तस्बीह
हो जाना चाहिए वहां मैं तुम्हारी खुशबू
बन जाना इंतिखाब करूंगा।

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9 DEC 2021 AT 17:25

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6 AUG 2021 AT 8:29

Katib aka vishal

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