मै प्यार की भूखी हूं..
दुलार की प्यासी हूं..
तड़प रही हूं इस अंतिम दौर में..
मै तो बस प्रेम सत्कार की दासी हूं।Ksv♡-
उसमें एक अलग ही महक है...
लाखों गुलाब भी उसके सामने फिके पड़ गए आज!! kSv♡-
हज़ारों बगीचों सी महक लिए हो..
यूं कहूं कि बस गुलाब सी शख्शियत हो...
कांधे पर जब तुम्हारे झुका सर हो...
महकती सी वादियों से कम नहीं हो..!! kSv♡-
सतरंगी मेरी दुनिया एक तेरी आंखो में,
तस्वीरें तेरी सब मेरी बाहों में,
बेगाना चाहे ये जग रहे मुझसे.....
बस सुकून भरा तेरा हाथ हो मेरे हाथों में!!!kSv♡-
बेरूख़ी की साज़िश जो की संग में,
आज नाराज़गी बहुत थी मन में,
अदा देख कर उसके मनाने की,
हिम्मत भी ना हुई दोबारा रूठ जाने की जहन में! kSv♡-
आगोश में समा जाना है तुम्हारी...
सांसों की ग़ज़ल को सुन आना है तुम्हारी...
गले लग कर धड़कनों तक जाना है तुम्हारी...
बेइंतेहा प्यार में बस बन जाना है तुम्हारी.! kSv♡-
हाथो में हाथ,उसकी अदब से कही हुई बात...
माथे पर प्यार, और कंधे पर सुकून की सांस!!ksv♡-
हसीन पल होता है,
जब वो मेरी आंखो में देख कर कहता है.
तुम सा खुबसूरत कोई नहीं!!! kSv♡-
वो दौर, वो सफ़र और वो बातें...
उस दौर में बसी वो ख़ूबसूरत मुलाक़ाते...
इक सफ़र और उस सफ़र की वो ख़ामोश यादें...
आज भी बिखरी हैं वहीं,अपनी वो बातें.!!
kSv♡-
उन सुकून भरी आंखों में निष्कलंक खुशियां नज़र आती है..
निष्कपट सी ईर्ष्या से दूर प्यार भरी छवि नज़र आती है....!!ksv♡-