मुझे माफ़ करना!
मेरी कविताएँ,
नहीं करा सकती आपका मनोरंजन।
मुझे माफ़ करना!
मैं नहीं रच सकता छन्द,
न खींच सकता हूँ तस्वीर,
न भर सकता हूँ अलंकार से,
अपने शब्दों को।-
Instagram :- @hutashan_
मैं जो एक बात बार-बार लिख रहा हूँ,
तुम समझते क्यों नहीं हो ।
मेरे दर्द में कोई कमी है क्या,
तुम भी मेरे साथ तड़पते क्यों नहीं हो।-
ऐसे ही रिश्ते टूटने की शुरुआत होती है,
अब हमारी बहुत कम बात होती है।
यूँहीं आपसी मोहब्बत हलाक होती है,
अब हमारी न के बराबर मुलाक़ात होती है।-
तकिए में थोड़े ख़्वाब छुपइओ,
बिस्तर पर थोड़ी नींद बिछइओ,
बहुत शोर है तुम्हारी दुनिया में,
मुझे थोड़ी देर से, सुकून में बुलइयो।-
दिन के गहरे अँधेरे में,
क्या अब भी रोशनी बाकी है ?
बहुत ख़ूबसूरत है ये जहान-ए-ख़राब,
क्या माँ आज भी झूठी कहानियाँ सुनाती है ?-
आँसुओ से भी अब न बुझने की,
आग आँखों में जो हमने लगाई है,
कहीँ भी अब न राहत मिलने की,
ख़ुद से ख़ुद की यह जुदाई है।-
अबके जो इस जहाँ में अइओ 'हुताशन',
आज़ादी का रोग न लगईओ,
तड़पकर जो बिखरने लगो अगर फिर भी,
ज़हर खाकर मर जइयो।-
आने वाले कल का सूरज क्या नया रंग लाएगा,
वैसा ही रहेगा सबकुछ या कुछ बदल जाएगा।-