Karunesha Singh   (ज्वाला🔥)
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Joined 17 March 2019


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9 NOV 2022 AT 22:58

मेरी नजरों से गिरे तो भी क्या गिरे,
जिन नजरों में हुकुमत-ए-वफ़ा रहती थी।

तेरा किरदार बुजदिल है सनम..!
तेरी की बेवफाई नगवार गुजरेगी।

चाहूँ तो राख कर दूँ एक पल में तुझे
और तेरी इस झूठ भरी दुनिया को।

मगर वो क्या कहते है,मेरी परवरिश में
तेरी तरह मक्कारी नही है।

इंसा बेहतरीन हूँ मै मुझे यह मालूम है,
तेरी तरह मतलबी नही हूँ

मोहब्बत की तो यह तासीर ही है ऐसी,
पैर की धूल को सिर का ताज बना देती है।

दो कौड़ी के शख्स के पीछे,
यह अपनी पूरी जागीर लुटा देती है।

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6 NOV 2022 AT 23:04

तुम्हें सोच-सोच कर
अब भी और कितना लिखूँ
किसी रोज तुम मेरी,
यह मुश्किल आसान कर...दो
जैसे ख्यालों में मेरी
आते-जाते रहते हो,
किसी दिन हकीकत बनकर
मेरी जिंदगी में शामिल हो...लो
तुम्हें बड़ी ही चाहतों से
हम चाहते है
अपनी जिंदगी की
उन तमाम ख्वाइशों में
एक मेरी चाहत की
आजमाइश कर...लो
बस मेरी जान...!!!
मेरे जख्मों पर अपनी मोहब्बत
का मलहम रख...दो...🖤

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30 MAY 2022 AT 22:40

जिंदगी से कुछ यूह ऊब रहा हूँ,
जैसे मौत का इंतेजार बड़ी शिद्दत से कर रहा हूँ।

आँखे बहती है,कुछ यूह
जैसे समुंदर बाँध रखा हो इनमें कबसे।

दिन गुजरता है,शाम आ जाती है।
बस कटती नही है,यह कुछ अंधेरी रात हो बाकी।

दिल की धड़कने कुछ सहमी-सहमी सी है अब
हर वक्त सोचता हूँ कि यह रूक जाए तो कुछ बात हो बाकी।

"ज्वाला" दिल मे कुछ ध-धकता है रह-रहकर।
जला डालूँ सारी दुनिया सारे जज़्बात अपने एक-एक कर।

खूब तमाशा बनाते है लोग,कुछ कहो तो बहरे, कुछ पूछों तो गूँगे बन जाते है यह लोग।

दिल जख़्मी होता है,खून रिसकर बहता है।
चोट दिल पर लगती है,बदन में दर्द बढ़ता है।

एक अच्छा भला मुस्कुराता शख्श
सब बर्दाश्त कर दुनिया से अलविदा कह चलता है।

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23 MAY 2022 AT 21:13

तुम.... मेरी बातों.... में मत आना,
मेने...खुद को खुद... की बातों..... से
फुसलाया..... बहुत हूँ....!!!

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17 MAY 2022 AT 1:50

आ...तुझे मै प्यार बेपनाह कर लूँ...
आ...तेरे होंठो पर अपने होंठ रख दूँ।

अपनी साँसों में मेरी साँसों को तू आज...घुल जाने दे।
अपनी बाहों को तू मेरी बाहों से आज...मिल जाने दे।

आ...तुझे मै प्यार बेपनाह कर लूँ...
आ...तेरे होंठो पर अपने होंठ रख दूँ।

आ...दो जिस्म,हम एक जान हो जाये।एक-दूसरे में हम,
आज...कुछ इस तरह से खोजाए।
ना....तुम्हे कुछ दिखाई दे...
ना....मुझे कुछ सुनाई दे.....
आ....दो जिस्म,हम एक जान हो जाये।

आ...तुझे मै प्यार बेपनाह कर लूँ...
आ...तेरे होंठो पर अपने होंठ रख दूँ।

आग... लग रही है,हम-दोनों के तन-बदन में,जल रहे है,हम-दोनों ही इस प्रेम... अगन में।

आ...तू मेरी हो जा...
और...मुझे तेरा हो जाने दे...

आ...तुझे मै प्यार बेपनाह कर लूँ...
आ...तेरे होंठो पर अपने होंठ रख दूँ।

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2 MAY 2022 AT 1:03

मुझे मरने.... के बाद कि आजादी.... नही चाहिए,मुझे चाहिए... जीने की आजादी.... और बेफिक्री..... ठीक वैसी ही जैसे.... मेरे यह बाल.... आजाद रहते है बेफिक्री..... से खुले.... हुए हर बन्धनों..... से मुक्त.......!!!

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27 APR 2022 AT 21:39

अच्छा,
सुनो,
तुम नासमझ हो,
तो नासमझ बने रहो।
मुझे इश्क करना है तुमसे,
मै...इश्क...करता रहूंगा तुमसे...!!!

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19 APR 2022 AT 4:22

मेरे नखरों को बिना थके तुम
उठाया करो,
अगर इश्क़ है तुम्हे भी मुझसे,
तो मेरी ही तरह,
तुम भी मुझसे जताया करो।

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16 APR 2022 AT 19:46

सुनो,
मुझे नही चाहिए तुमसे,
कोई महंगे तोहफ़े,
कीमती चीजें।

सुनो,
मुझे चाहिए
तुमसे बस इतना,
की जब भी मुझसे मिला करो,
बस मुझे देख मुस्कुराया करो।

सुनो,
मेरी चाहत को महसूस कर,
मुझसे दो-चार बातें कभी
कर लिया करो।

सुनो,
मुझे पसंद है, कविताएं,गजलें,उपन्यास पढ़ना,
जब कभी मुझ पर तुम्हें भी अपना प्रेम जताना हो,
मुझे देना तुम अपने पसंद की,
एक किताब कविता,गजल या उपन्यास।

सुनो,
मैं साहित्य से प्रेम करने वाला शख्स हूँ,अपनी कल्पनाओं में जीना पसंद करता हूँ,आजकल मेरी रचनाएं तुम्हारें इध-गिरध ही रहती है।

सुनो,
हो सकता है मैं कभी अपना प्रेम जता न पाऊं तुमसे,लेकिन तुम भी मेरी खामोशी को पढ़ लेना कभी मेरी रचनाओं के द्वारा।

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8 APR 2022 AT 1:48

''ज्वाला" दिनों को बसर करों कुछ ऐसे ही,
जैसे एक दिन मौत आ जानी है अचानक वैसे ही।"

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