एक बचपन कर्तव्य दिखाए
एक बचपन देखे है यह सब ।
एक सोचे में क्या खाऊं
एक सोचे में क्या खाऊंगा अब।-
wish me on 21 oct.🎂🎉🎊
कुछ फलक कुछ रास्ते कुछ अफसाना याद है कुछ अपनो की चाह मे क्या यह जिंदगी बिताना साज़ है।
-
तुम्हारी बातों का असर अभी भी है ।
ये दिल थोड़ा सा बेसबर अभी भी है।
यू तो हमें तुमसे मिले हो चले जमाने भी।
मगर तेरे शहर की खबर अभी भी है।।-
लोगो के सामने हसोगे गाओगे खिलखिलाओगे
यारों को just chill बोलकर उल्लू बनाओगे।
जब नज़रे आईने में खुद से मिलाओगे।
क्या तुम सच्च को उससे छुपा पाओगे ?
-
मैं प्रेम दिवानी मीरा सी बन जाना चाहती हूं।
मैं प्रियतम की यादों में ही खो जाना चाहती हूं।
मुझे तमन्ना नहीं अब किसी और के चाहत की
मैं खुद मे ही सिमट के रह जाना चाहती हूं।
-
रखती हूं सब की खबर
एक तेरी ही खबर नहीं मिलती
मिल न जाए मेरी नज़र किसी से
इस लिए घर से नहीं निकलती
मिल जाती है मुझे हर लम्हे हर ज़र्रे में
यादें तेरी
बस एक तेरी बाते है जो
दिल से मेरे कभी नही निकलती ।
-
पर अपने सपनो का महल
बनाऊं तो बनाऊं केसे
समुद्र की लहर सा हर कोई
उसे अपना ही जो बिखेर देता हैं ।।-
बड़े प्यार से अपना माना था तुझको
क्यों कि प्यार कर के प्यार पाना था मुझको।
क्या पता था वो आखरी वार होगा रूठ कर जाना तेरा
लेकिन उस आखरी वार भी मेने मनाया था तुझको ।
जान जाती थी तुझसे दूर जाने के ख्याल से भी
पर सच अपनी जान से भी ज्यादा माना था तुझको ।
खेर अब क्या शिकवा क्या गिला क्या रंजिश की बात करू
एक दिन तो मर ही जाना है सबको।
बस ख्वाहिश थी सांसे चलते तक साथ रहे तेरे
क्यों की कयामत तक साथ निभाना था मुझको।
बड़े प्यार से अपना माना था तुझको
क्यों कि प्यार कर के प्यार पाना था मुझको।।
-
हम तो ख़ुद से नफ़रत करने वालो को भी गले से लगा लेते है
उनका सच जानकर भी मुस्कुरा देते हैं ।
किसी से खफ़ा होना तो हमने सीखा ही नहीं
हम तो बेवफ़ा को भी वफ़ा देते हैं।
अपने दुखों का क्या किसी से जिक्र करना
यहा तो लोग आग को भी हवा देते हैं।
बात - बात पर कसम खाने वाले लोग
न जाने केसे है, जो खुदा को ही दगा देते हैं।
-
मैं कभी आदर्श बाद के चक्कर में नहीं पड़ी
ना कभी अच्छाइयों की झूठी मिसाले दी
मुझे तो बस सुकून से मतलब है
फिर चाहे वह.....
बेवजह भटकने से ही क्यों न मिले।।
-