तुम्हें लिखता हूं तो लफ्ज़ हो तुम तुम्हें सोचता हूं तो ख्याल हो तुम। तुम्हें मांगता हूं तो दुआ हो तुम तुम्हें पूछता हूं तो सवाल हो तुम। तुम्हें कहता हूं तो बात हो तुम। तुम्हें तरसता हूं तो बरसात हो तुम तुम्हें पढ़ता हूं तो शेर हो तुम। सच कहूं तो मोहब्बत हो तुम।
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तुझे सौप के दिल अपना
मैने ओढ़ली बेफिक्री
सरेयाम करूँ ऐलन यही
तू ही यार मेरा जिगरी।-
Tute Kuch is tarha phir jud
na paye gunaha kiya bas itna
kar li mohobbat gire kuch yuh
phir sambhaal na paye-
Bura तो हर शख्स hai mere dost,
फरिश्ते na tum हो और, na hum हैं-
ये चंद लोग जो अपने आप को सबसे अच्छा बोलते है।
इन्ही का हाथ है मुझको बुरा बनाने में।-
बेईमानी अब आँखों की पानी चुराने लगी,
नामर्दी इंसानों की जवानी चुराने लगी,
हिन्द वालो तुम ये बैठ कर सोचना जरूर
कभी बर्मा से कन्धार तक हुकूमत थी
आज तिनके में क्यों लड़खड़ाने लगी-
जो बात आ गई साहस पर तो
यमराज से भी टकराऊंगा
मुसीबत चाहे जितनी भी आए,
मगर लक्ष्य को खीच लाऊंगा।-
Abhi sooraj dooba nahi hai
Zara si shaam hone do
Woh khud aayegi online
Ghar ke kaam toh hone do-
तू रुठा रुठा सा लगता है
कोई तरकीब बता मनाने की
मैं जिंदगी गिरवी रख दूंगा
तू क़ीमत बता मुस्कुराने की।-