Kartikay   (✍Kartikay)
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Joined 11 August 2018


Joined 11 August 2018
12 SEP 2021 AT 0:23

आजाद भारत की पाबंदी

हमारा संविधान हमे बोलने की आजादी देती है,
लेकिन आप संसद में चर्चा नही सकते।
अभिवक्ति की आजादी,
लेकिन आप ट्वीट नही कर सकते।
अंतर जातीय शादी करने की भी आजादी है,
लेकिन समाज आज भी इसके खिलाफ है।
महिलाओं की आजादी की बात ही क्या करना...!


सोने की चिड़िया पे शासन तो अंग्रेज भी किया था,
पर आजाद भारत में भी शासन सा क्यूं लगता ?


घर में ही बेटियां सुरक्षित नहीं,
चौराहे पे लड़को को चाटा ही सही,
समाज में गरीब सताया जाता,
भिखारी सड़क पे कही भी मिल जाता,
तंबू लगाए रात भी जब वो गुजार रहा होता,
ओलंपिक में मेडल ना आया होता,
मैदान में फिर वो निकल ना पाता ।

सरकारी पॉलिसी में भी बहुत घोटाला होता,
राजीव गांधी से ध्यान चंद पुरस्कार हो जाता,
लेकिन स्टेडियम मोदी के नाम भी हो जाता!
बर्दी वाले से ही खौफ मिल जाता,
मानो डाकू इनका ही दोस्त कहलाता।

हमारा सिस्टम ही महान है,
हम आजाद होकर भी गुलाम हैं,
बस बॉर्डर पे जो खड़े हैं उनको मेरा सलाम है।।

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12 SEP 2021 AT 0:08

फिजिक्स या पॉलिटिक्स....!
पॉलिटिक्स कहां फिजिक्स सा आसान है....!

ये भारत के लोग पहले भी मूर्ख थे और आज भी हैं
बस फर्क है की तब अंग्रेजो ने शासन की और अब अनपढ़,
अनपढ़ लोग नेता बनते हैं और पढ़े लिखे उनके चपरासी।

एक अनपढ़ के पीछे IAS को दौड़ाते हैं !!
राजनीति का तो सही अर्थ यही बताते हैं,
जाति और धर्म के नाम पे भी ये लड़वाते हैं,
दीदी और भैया में जब PM लग जाते हैं,
सम्मान तो यही गंवाते हैं |

जब भी कयामत आई है, फौजी ही सामने आई है,
फिर भी रिटायर्ड फौजी चाय बेचने को लालायित हैं,
चलो एक निर्णायिका बनाते हैं,
एक आजाद पंछी पे भी लगाम लगाते हैं
पढ़े लिखे को देश की बागडोर थमाते हैं
माननीय सबका वेतन कम करवाते हैं
अगर देश की सेवा फौजी से करवाते हैं
तो फिर पेंशन उन माननीयो के खाते में क्यू आते हैं

जब गवर्नमेंट जॉब की इतनी मार है
पढ़ाई लिखाई तो बेकार है
यहां बिजनेसमैन कौन सा ईमानदार है
सब पैसा के पीछे ही तो बीमार है
फिर भी नेता सब ही मालामाल है

हाॅकी एक ऐतिहासिक वरदान है
स्पॉन्सरशिप के लिए यही लाचार है
फिर भी क्रेडिट में सरकार है
बताओ ना हमारा देश कितना महान है !

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11 SEP 2021 AT 23:41

BRAVE GIRL

Being a girl, Is it easy to survive....?,
Where insane is alive..!!
Harrase, Rape, murder is not a plight,
Struggling is her another life.

Have you saw a muslim girl?
Didn't she like pink colour?
Didn't she want school?
Didn't she want job?
Didn't she want her life?

Make-up foundation, might be passion.
Air hostess, is not only option.
But cooking, Never be mission.
Bright future, burning inside kitchen.

Round shape of her roti,
Says all about dexterity.
To Show the reality to the society,
Only need your feathers to glide.

Come out from the cage,
Start your voyage.
The time gone when womens were cried,
You have to fight for own Rights.

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6 JAN 2021 AT 0:00

पुरानी बातें थी, चलो जाने दो।
बीत गयी, यादें ही तो थी।
कुछ छुट गयी, आदतें ही तो थी।
टूट गयी, वादे ही तो थी।
बिखर गयी, सपना ही तो थी।
तभी कहती हो,
वो बस मुलाकात ही तो थी।
छोड़ो पुरानी बातें थी, जाने ही दो।

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4 JAN 2021 AT 23:26

🩸रक्तदान का अलग ही सुकून है,
🩸जरूरत में भी तो इंसान मजबूर है।
🩸जब मिलता नहीं एक कतरा खून है,
🩸मौत इंसान से थोड़ा ही दूर है।

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3 JAN 2021 AT 1:49

Sleeping after tiredness is the best doze ever.

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2 JAN 2021 AT 7:09

चलो इक्कीस को नया हम बनाते है,
कुछ उलझी पहेली को सुलझाते हैं,
तुच्छ को आईना दिखाते हैं,
मंजिल तक अपना पथ बनाते हैं।

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2 JAN 2021 AT 1:22

2020
हैं ना बहुत कुछ सिखाया ......!!!
हर कोई अपना रास्ता खुद बनाया ।।

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24 DEC 2020 AT 18:29

नए साल की सवारी
मार्च पड़ गया सबसे भारी
वुहान से लेकर सूडान तक
हिला के रख दिया कब्रिस्तान तक
महामारी ने पैसों का भेद बताया
कई महीनों तक अपना रंग दिखाया

बच्चा से बुजुर्ग तक सब परिवार की महत्व बताए
सब बंद होते भी माँ पूरा दिन किचन मे खाना पकाई
यूट्यूब ने सबसे महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई
सभी ने नए व्यंजन आजमाए
कितने ने घरों में पकौड़े तलवाए
तो कहीं दो वक्त का रोटी मुश्किल से जुटाए

नेशनल चैनल बचपन की याद दिलाए
रामानंद सागर की धारावाहिक
मुद्दतों बाद पूरे परिवार एक साथ बिठाए
रामायण समाप्त होते ही
राम मंदिर की भी परचम लहराये

डॉक्टर ने अहम भूमिका निभाई
उन्हीं के लिए डंके भी बजाय
और बिना दिवाली, दिवाली भी मनाए
कोरोना से बचने की एक ही है उपाय
नहीं है कोई दवाई बस एक गज़ दूरी अपनाए

लाॅकडाउन का नियम जो तोड़ कर आए
हर शाम पुलिस का डंडा उन्हें लहराए
बाजारों में भी मंदी पर गए
जिससे अर्थव्यवस्था भी चरमराऐ
अब आत्मनिर्भर हम बन जाए

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24 MAY 2020 AT 10:32

जड़ा शांत क्या हुआ मै,
वो हर जगह हांथ मारने लग गई !!!

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