labyrinth of love
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Kartik Goyat
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Joined 27 May 2018
4 MAY 2020 AT 16:48
रोज यार के साथ जमती थी महफिल
आज तन्हाई मैं पीने लगे है
बेवफा दोस्त ने जो फाडा दोस्ती का पजामा
उसे हम अकेले ही सीने लगे है-
31 JUL 2019 AT 23:18
बुझती नहीं दिल की शमा कभी,
बस थोड़ा सहम जाती है।
इश्क़ की हवा पड़े जो कभी शिदत से,
कम्बख़त फिर सुलग जाती है...।-
20 JUN 2019 AT 12:09
वो हमें भूल भी जाएँ तो कोई गम नही
जाना उसका जान जाने से भी कम नही-
10 JUN 2019 AT 21:55
कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी,
हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है।-
4 JUN 2019 AT 1:18
कुछ कर गुजरने की चाह में कहाँ-कहाँ से गुजरे,
अकेले ही नजर आये हम जहाँ-जहाँ से गुजरे।-
13 APR 2019 AT 21:27
किसी के दिल में बसना कुछ बुरा तो नहीं,
किसी को दिल में बसाना कोई खता तो नहीं,
गुनाह हो यह ज़माने की नज़र में तो क्या,
ज़माने वाले इंसान हैं कोई खुदा तो नहीं।
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