7 MAY 2019 AT 9:59

बूँद बूँद से घड़ा भरता है एक एक ईंट से महल बनता है
तिनके तिनके से घोंसला तैयार होगा पल पल सजाने से जीवन सजता है
वक़्त और हालात से जो लड़ता रहे अंत तक
हवा का रूख मोड़कर इतिहास वही रचता है

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