अलग प्रांत और अलग संप्रदाय के लोग यहां आते है । पर एक वर्दी , एक ही बैच लगाकर एक जैसे दिखते है
विभिन्न भाषा और विभिन्न संस्कृति के लोग यहां आते है
पर सार्वजनिक रूप से एक ही भाषा हिन्दी भाषा का प्रयोग करते है ।
अलग जाती और अलग धर्म के लोग यहां आते है ।
पर प्राथना घर में एक साथ बैठकर ईश्वर को नमन करते हैं।
अलग संस्कार और अलग मान्यता के लोग यहां आते है
पर हर त्योहार होली , दीवाली , दशहरा, छठ , क्रिसमस, इस्टर, बैसाखी और ईद एक साथ मिलजुल कर मानते हैं
अलग सोच और अलग रंग के जवान यहां आते है । पर एक ही नारा उद्घोष कर के दुश्मन पर टूट पड़ते है और विजय हासिल करते है।
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