बूझ जाते हैं दीए कभी तेल की कमी सेहर बार कसूर हवा का नहीं होता। -
बूझ जाते हैं दीए कभी तेल की कमी सेहर बार कसूर हवा का नहीं होता।
-
कोई कितना भी ख़ास हो बदल ही जाता हैं। -
कोई कितना भी ख़ास हो बदल ही जाता हैं।
कोई काफ़ी अकेला है औरकोई अकेला ही काफ़ी है -
कोई काफ़ी अकेला है औरकोई अकेला ही काफ़ी है
ये शिकायते नही तजुर्बा हैं साहब,कदर करने वालो कि कदर नहीं होती। -
ये शिकायते नही तजुर्बा हैं साहब,कदर करने वालो कि कदर नहीं होती।