सिखा न सकी जो उम्र भर तमाम किताबें मुझे...
करीब से कुछ चेहरे पढ़े और न जाने कितने....
सबक सीख लिए!!-
मत कर हिसाब तू,
अपने माँ बाप से
वरना ब्याज में ही निकल जाएगी
तेरी ज़िंदगी!-
किताबें ज्ञान दे सकती है, नौकरी दे सकती है!
मगर जीने की कला, तजुर्बे और दुनियादारी,
ये सब जिन्दगी में ठोकरें खा कर ही सिखाते है!
ये सब सिखाने के लिए जिंदगी फीस नही लेती ,
बस जिंदगी के झटके ही महसूस करा देती है!!-
माँ सिर्फ एक दिन की नहीं होती..."
क्योंकि शब्दों में तुझसे बड़ा कोई उत्सव नहीं
और मदर्स 'डे तो हर दिन है !
जब तू मेरे साथ है!!-
वाह ! रे मुर्ख तुमने बेकसूर
लोगों पर क्यू अत्याचार किया!
क्यू तुने धर्म देख कर वार किया!
क्या कसूर था उसका
केवल धर्म ही तो अलग था
कश्मीर तो भारत का मुकुट है,
क्यू तुम इस पर हक जमाते हों
वाह ! रे मुर्ख तुमने बेकसूर
लोगों पर क्यू अत्याचार किया!
हे आतंकवादियों अभी तुम सुधर जाओ
अपनी नाजायज हरकतों से बाज आओ
मत ललकारों तुम भारत माता के वीरों
जब वो दहाड़ करेंगे !
तब तुम्हारा कलेजा फट जाएगा
मत जगाओ सोये हुये शेरों को
भागने का मौका भी नहीं मिल पायेंगा!
अगर ईट का जवाब पत्थर से ही चाहते हों,
तो हो जाओ युध्द के लिए तैयार , वरना
पीठ पीछे वार करना बंद कर दो और
निहत्थे पर वार करना कायर करते हैं!
वाह ! रे मुर्ख तुमने बेकसूर
लोगों पर क्यू अत्याचार किया!
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मुझे कमजोर समझने की
कोशिश कभी मत करना,
मैं प्यार और वार वक्त
आने पर दोनों करना जानता हूँ!
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गरीबी जिसने करीब से देखा,
वहीं जानता गरीबों का हाल!
नहीं समय पर खाना मिलता
नहीं समय पर सोना,
आकाश ओढना, धरती बिछोना!!
इस पर गरीबों का सोना,
दिन में कमाना शाम को खाना!
पता नहीं जिंदगानी का,
अपने परिवार के खातिर!!
धूप नहीं देखा, छांव नहीं देखा!
नहीं देखा है बारिश को!
रोटी, कपड़ा और मकान,
नहीं मिलता है इसको सम्मान!
गरीबी जिसने करीब से देखा,
वहीं जानता गरीबों का हाल! !-
समय के फैसले कभी गलत नहीं होते,
बस साबित होने में समय लगता है!
स्वयं को स्वयं ही खुश रखें,
ये जिम्मेदारी किसी और को ना दें!!
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रिश्ते निभाने के लिए बुद्धि नहीं
दिल की शुद्धि होनी चाहिए।
प्रकृति का काम सिर्फ लोगों को मिलाना ,
रिश्तों की उम्र क्या है!
यह हमारे व्यवहार पर निर्भर करता है,
जो रिश्ते हमारी ताकत होते हैं!
अक्सर वही हमारी कमजोरी भी होते हैं!!-