Karan Upadhyay   (Karan Upadhyay (पथिक))
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Joined 15 July 2018


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Joined 15 July 2018
6 SEP 2024 AT 23:43

सोये हुए है मगर मरे नहीं
हारे हुए है, मगर थकें नहीं
बेशक दौड़ मेरी भी जरूर आएगी
लड़ें हुए है मगर उठना भूलें नहीं

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14 AUG 2024 AT 10:53

सपने देखकर फिर उसे टुटते देखा है
हर मजनुओं को रात में तड़पते देखा है
न जाने आधी रात को कौन आ जाता हैं नींदें और ख्यालों में
सोते हुए आंशिक को उठकर रोते देखा है

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20 DEC 2023 AT 10:12

अतीतको प्रहार
--- Karan Upadhyay
30 June, 2022
01.30 am Manja

देखेका सपना आज चकनाचुर भयो
अतीतले फेरी आफ्नो कोल्टे फेर्यो
कालो अतीत बाट टाडा आएको थिएँ
वर्तमान मा केही गर्छु भन्ने सोचेको थिएँ।

वर्तमान मा पनि उह पछी लागि आयो
आज अतीत ले फेरि आफ्नैं वर्तमान मार्यो
वर्तमान मा उभी भविष्य को श्रृजना गर्दै थिए
भविष्य को फुलवारी मा नयाँ नयाँ फुल रोप्दै थिए।।

एक्कासी वर्तमान र भविष्यले आफ्नु क्लान्त देख्यो
भावी ले पनि आँसु चुहाउँदै आज बिछोड लेख्यो
साथ रहने हाथ र साथ पनि गुमाउँदै गएँ
हेर्दा हेर्दै आज फेरि एक्लै भएँ।

अतीतका पानाहरू मा फेरि एउटा कालो पोत्यो
उज्ज्वल भविष्य तर्फ बढ्दै बढ्दै फेरी खुट्टा चिप्लियो
हरेक काला दाग हरु एकदिन मेटाउने छु
भविष्य लाई एकदिन अवस्य अतीत भन्दा चम्काउने छु।।

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24 OCT 2022 AT 21:23

दोधारे छ जिंदगी.....

मनले भन्छ- यो त हुने सक्दैन..
दिमाग बोल्छ- गर्ने लाई कसैले रोक्न सक्दैन...

युद्ध मन र दिमाग को...
अनि संग्राम जिन्दगीको.......

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15 OCT 2022 AT 22:37

काश सामने अभी अगर तुम होते
तुम्हारे गोद में सिर रखकर सो जाते।❤️🥴
जब तुम्हारे जुल्फों मेरे चेहरे पर गिरते
तो शायद दिन भर की थकावट भी दूर हो जाते ❤️🥴

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22 JAN 2022 AT 22:24

भरी महफ़िलों में भी सुना सुना सा लगता हैं🥲

जब दूर आप होती हो दिल गुमशुदा सा रहता है😊

कैसे बयां करें आपको हाल-ए-दिल अपना❤️🥴

आपके बिना हर सुबह शाम हमें अधूरा सा लगता हैं❤️🥴

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29 AUG 2020 AT 19:49

लाखौंमा पनि तिमीलाई नै खोज्ने गर्छ यो मन😍
हरेकपल तिम्रो कल्पनामा डुब्ने गर्छ यो मन😘
कसरी सम्झाउँ म यसलाई तिमी आफै भनिदेऊ प्रिये
करोडौं मा पनि तिमीलाई नै रोज्ने गर्छ यो मन❤️


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12 NOV 2021 AT 18:11

तुम्हारे बिन कुछ अकेला अकेला सा लगता है❤️🥴

भरी महफ़िल में भी हमें सूना सूना सा लगता है❤️🥴

कुछ तो जरूर हैं तेरे मोहब्बत-ए- महफ़िल में❤️🥴

तेरी यादों के समंदर में तड़पना अच्छा अच्छा सा लगता है❤️🥴

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25 AUG 2021 AT 23:24

भावना र शब्द (25th Aug,2021,11.21pm, मान्जा)
- करन उपाध्याय
भावना मौन छ
शब्दको पर्खाइमा
उभि रहेको छ निरन्तर
युग युगान्तर देखि।

कयौँ पटक ठेस खाएपनि
शब्दको जालमा लुटिए पनि
भावना आखिर शब्दकै खोजीमा छ
निरन्तर चलिरहेकै छ।।।

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15 AUG 2021 AT 22:30

न सफ़र का ठिकाना है और न किसी मंजिल का🌸

चलते जा रहें हैं किसी अपने की खोज में, किसी ख़ास की तलाश में❤️🥴

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