The appropriate way to describe how i use my Daily Internet quota should be like:
आपके द्वारा 2GB डाटा का 100% अपमान किया जा चुका है!!-
जेहन के ख्यालों की जोर जर्बदस्ती से नहीं😐
* " रेगिस्तान... read more
तेरे इश्क के गिरफ़्तारी की तारिख पड़े
जरूरी है
पहले मेरा खुद की कैद से रिहा होना..!
-
हालातों और लोगों से बेपरवाह रखिये खुद की खासियत,
सुना नहीं मैंने कभी..
मसालों ने बढाया हो ज़ायका खाने का,
सुन कर बावर्ची की शख्सियत!!-
कईयों ने तराशा है नुस्ख निकालने का हुनर इससे...
कमाल करते हो यार!!
मुझसे मेरा किरदार बदलने की मांग जो करते हो!!-
आते हैं तो पैदा करने वाले की ख्वाहिशों का बोझ लेकर..
रुखस्त होते हैं तो पैदा किया उनकी ख्वाहिशों का बोझ लेकर..
झूठ कहते हैं लोग कि खाली हाथ आए और गये!!!-
ख़ुराफ़ात दिमाग की हो
फिर भी कसूर दिल का ही आता हैं
वो दस्तूर है ना कि..
अल्फाज खराब हो पर फाड़ा तो कागज़ ही जाता हैं!!
-
बेटे की शादी में 2 करोड़ लेने वाले जज साहब का खौफ तो देखो....
उनकी कचहरी में दहेज केस 75% कम हो गये!!-
We often tend to overestimate what we can do in a year. ..
Underestimating what we can achieve in 5 years!!!
-
रवैया क्यूं ये नासाज़ कि
हमसायों से तुम्हारी तल्खियां बहुत है!!
ना पाल कोई खुशफहमियां बदनसीब
कि हम पहले ही बदनाम बहुत है!
क्यूँ लगे शरीफों की नफासत की नई सलाखें ,
हम खुद की बेअदब गिरफ़्त से जो रिहा हो जायें ...
बस ये ही बहुत हैं!!
-
होने को जलील जहाँ भर में..
हम भी ये कमाल करते हैं!
मुर्दा रूहों के शहर में
ज़िंदगी तलाशने की कोशिश बेकार करते हैं!
क्यूं लगे लाशों पर तोहमत वादाखिलाफ़ी की
यहां तो पीर भी ज़मीर नीलाम सरेआम करते हैं!!-