बनाकर दिये मिट्टी के
जरा सी आस पाली है
उनकी भी मेहनत खरीदो ना
उनके घर भी दीवाली है।-
हम तो बस दो शब्द प्रेम के और सम्मान की चाहत रखते हैं "साहब" बाक़ी तो आज भी न जाने कितने
रूपवान , दौलतमंद, और अभिमानी को अपने जूते की नोक पर रखे हुये हैं! ☝️-
इंसान को दुख दर्द और रिश्तो के टूटने का एहसास तब ही होता है जब यह सब खुद उस पर ही बितती है
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लग गई आग मेरे घर में,
बचा ही क्या है ..
और बच गया मैं तो समझो,
जला ही क्या है ..
और अपनी मेहनत का नतीजा है
मुकद्दर अपना
वरना हाथों की लकीरों में
रखा ही क्या है..!-
जो बुरे हालातों पर आपका साथ छोड़ दे
तो बेहतर है कि
आप उसे ही छोड़ दें
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इस जीवन में जीने से अधिक
मरने के क्षण आएंगे..
तुम्हें उनमें भी जीना है....
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परिस्थिति चाहे लाख बुरी हो
अगर लड़ने का जज्बा है...
तो निश्चित ही जीत आप के कदमों में होगी !-
परिवर्तन का दौर है.. साहब
पहले पूछ-ताछ रोक-टोक 'परवाह' कहलाती थी
और अब के दौर में ...
उसी 'परवाह' को 'शक' कहा जाता है!-
झूठ के नाव
सच के समंदर में कभी चलते नहीं,
झूठ बोलने वाले
अपना स्वभाव कभी बदलते नहीं!
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