एक खामोशी सी है जो खाए जाती है
ना सोचो उसके बारे में फिर भी रुलाए जाती है
कैसे समझाऊं खुद को कि तुम साथ है ना सताए मुझे कहीं खो ना दूं तुम्हें जिंदगी सी बात पर रुलाए जाती है!
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मुमकिन न सही एक आरज़ू ही रहने दो ।
सुकून न सही तड़प ही रहने दो।
यूँ तो कट जाती है जिंदगी इंतज़ार में।
इश्क़ अब पूरा न सही अधूरा ही रहने दो।
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जितने थे अपने,सब पराये थे!
हम हवा को गले लगाये थे!
है तेरा कर्ज मेरी आँखों पर
तूने सपने बहुत दिखाये थे!
-राहत इंदौरी साहब 😊-
तेरी मर्जी से ढल जाऊ,हर बार ये मुमकिन नहीं..!
मेरा अपना वजूद है, में कोई आईना नहीं..!-
दर्द किसी और ने दिया,मरहम हमसे लगवाते हो।
अपना किसी और को ,और गैर हमें बताते हो।-
बड़ा प्यारा रिश्ता था उनसे,
जो एक झटके में टूट गया,
सिर्फ उनके शब्दो के कारण,
उनका दोस्त उनसे, छूट गया।-
इश्क़ करु या दोस्ती"करण"अब तो हर बात में डर लगता है। 🤔😐
दोस्त को खोने का, और इश्क़ में रोने का..!-
घाव बहुत गहरा था,पर दिखता न था!
दिल भी बहुत दुखता था,पर कोई समझता था न...
बाद में सब कहते तो है की हम से कह सकते थे....
पर जब-जब कहना चाहा कोई सुनता न था...-