"हम प्यार करते नहीं,बस हो जाता है
ना जाने कब,कैसे,कहाँ....
ये कमबख़्त प्यार हो जाता है।।
मासूम सा ये दिल
तेरे सपनो में खोकर सो जाता है।।
आखिर इस दिल को
खयालो में तुमसे मुलाकात जो करनी होती है,
छोटी ही सही
एक दो बातें भी तो करनी होती है।।
ख्वाब में आकर
मेरे पास बैठ जाती है,
कभी मेरी सून कुछ अपनी भी सुनाती है।।
बात आगे बढ़ ही रही थी,
तभी सुबह हो जाती है,
सपनो के शहर से बाहर
वो खयालो कि परी,
अब हकीकत बन मेरे सामने आती है।।"
-