नदी के दो किनारे हैं,
न तेरे ना हमारे हैं,
लहरों की बात मानते नहीं,
कहते है पतवार के सहारे है..!-
Karan Gangwar
(Nov's child)
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Joined 17 November 2019
19 SEP 2022 AT 23:20
7 JUL 2022 AT 17:34
घर लौटते परिंदों सी जिंदगी...
न किसी से आगे निकलने की होड़ है,
न किसी से पीछे छूट जाने का डर.....!-
2 JUL 2022 AT 23:06
बहुत कुछ बुरा है
लेकिन कुछ बढ़िया तो है,
समंदर नही है तू
न सही,
मगर तू दरिया तो है...!-
29 JUN 2022 AT 15:40
जिंदगी उलझ गई जलेबी की तरह,
जब से प्रेम समोसे सा त्रिकोण हो गया,
लोगों का क्या है,
वो तो चटनी के चटखारे लेंगे....!-
2 JUL 2021 AT 20:12
तुम कुछ दूर तलक साथ चल सको तो ठीक,
वैसे तन्हा सफर मेरी आदत भी पुरानी है..!-
2 JAN 2021 AT 19:49
स्वाद में मिठास आ जाये
कड़कपन भी ना जाये
तवक्को रिश्ते में बस इतनी सी
चाय में पड़ती चीनी जितनी सी-
15 DEC 2020 AT 18:38
मोहब्बत मे अक्सर यही बवाल रहता है
"तुम्हारा फोन कहां बिजी था"
यही सवाल रहता है.?😂
❣️-
11 DEC 2020 AT 1:17
तेरी तस्वीर की तारीफ से भी डर लगता हैं,
जमाना जान ना जाए, तुम मुझे अच्छी लगती हो।
🤍-