हम आज भी रखते हैं,
अपनी किस्मत के हर एक
पन्ने पर तूझे लिखना चाहतें हैं-
उम्मीद जहाँ से खत्म
हो जाती है, वहीं से
सूकून शुरू हो जाता हैं......-
तो ये गलती इतनी बड़ी नहीं
होती क्योंकि, हम तुम्हें तुमसे
बेहतर जानते हैं......-
जब तूने मुझे प्यार करना
सिखाया था, तो मुझे अकेला
रहना क्यों नहीं सिखाया.....💔-
तुझसे कोई शिकायत नहीं है अब
सारी गलती मेरी ही थी, जो तुझे
हद से ज्यादा प्यार बैठे थे, खैर अब
खुद को सज़ा भी दे बैठे .......💔-
तू यूही मेरे ख्वाबों में आया कर
कम से कम मेरी जान तू मेरे,
ख्यालों में तो रहतीं है........ ❤❤-
मेरा दिल के हिस्से भी अब
तेरे हिस्से में हो चुकें है,
तुझे तो ये भी नही पता मेरी जान
मेरी रूह भी अब तेरे नाम हो चुकी हैं.....-
मैं सब से इतना दूर हो चुका हूँ
कि मुझे अब लगता है की मुझे
खुद की खुद को जरूरत है........-
मैं हर किसी के लिए
एक खुली किताब जैसा,
हूँ जिसकों जितना पढना
था उतना पढ़कर छोड़ दिया.....— % &-