karan borana   (©️ Kiran)
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राजस्थान-22 जिला-पाली (मारवाड़)
🇮🇳✍️नये दौर की क़लम❤️
Joined 4 October 2019


राजस्थान-22 जिला-पाली (मारवाड़)
🇮🇳✍️नये दौर की क़लम❤️
Joined 4 October 2019
23 MAR 2024 AT 18:00

चारों दिशाओं में अंधकार छाए,
ना समझ कुछ भी अगर आए।
रास्ते बताने वाले सब बस भटकाते रहें,
देखकर तुम्हें सब चिढ़ाते रहें।
कदम फिर भी तुम्हारे न डगमगाए,
ख़ुद पर भी अगर हँसी तुम्हें आ जाए।
इस मुश्किल भरे सफ़र में
कोई छोटी सी किरण तुम्हारे लिए
अधेरों से जा टकराए,
ये देख के सताने को शैतान भी तुम्हें
धरती पे उतर आए।
हिम्मत तुम्हारी ऐसी वो भी सोचे जाए,
तो समझ लेना परीक्षा तुम्हारी
हर पड़ाव पर प्रकृति ले रहीं हैं,
और पीछे से छुप के से
साथ भी वो दे रहीं है।

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15 MAR 2024 AT 21:59

तुम डरे हुए हो लेकिन किससे?
तुम्हें जिस भय ने झकड़ा है
वो भी डरा हुआ है लेकिन किससे?
तुम चाहते हो
तुम्हारे आस-पास के सभी
लोग तुम्हारी ही तरह डरे हुए रहें।
लेकिन भई किससे?

... कैप्शन

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11 MAR 2024 AT 10:54

पतझड़ में उदासी के
साथ लिपटकर मुस्कुराना।
वसंत आने के इंतज़ार में
पौधे सजाना।
काटने को दौड़े वक्त तो
एक कविता का उभर आना।
मुश्किल सफ़र में भी
हौसला न डगमगाना।
दिल की धड़कन को सुन
कोई गीत गुनगुनाना।
पानी की छप छपाहट से
बचपन को याद
कर कहीं खो जाना।

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5 MAR 2024 AT 19:51

एक सड़क जो
बन जानी चाहिए थी,
पर अभी तक बनी नही है।
एक छोटी बच्ची जो
मिट्टी से सनी है,
पर उसे इसमें ही
खुशी मिल रही है।
वक्त जो बीत रहा है
घड़ी की हर टिकटिक के साथ।
एक किताब जिसका
पहला पन्ना ही पाठको
को आकर्षित करता है।
रोज़ी-रोटी जिसे
पाने के लिए मज़दूर
ने छलनी किया है
अपने पूरे बदन को।
रूठी हुई प्रेमिका जो
इंतज़ार में है कि
उसे उसका प्रेमी मनाएगा
पर वो भी रूठा है
किसी से उसे कौन मनाएगा?
ये कविता जो शायद किसी
को कुछ तो याद दिलाएगी।

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5 MAR 2024 AT 12:13

क्या कविताएं एक दिन
अनंत आकाश में खो जाएगी?
क्या हम सब एक दिन
खत्म हो जाएंगे?
या कोई सुपरहीरो
वाली मूवी की तरह हमें
कोई बचा लेगा?
हमें कुछ भी नही पता
ना कल का, तो फिर
आज इतने उदास क्यों?
हम भी बन सकते है
किसी के सुपरहीरो।
और वो सब बस एक-दूसरे
की मदद कर के हो सकता है।
तो क्या आप भी बनना
चाहेंगे किसी के लिए सुपरहीरो?
फ़ैसला आपका है।

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5 MAR 2024 AT 10:05

हमने शहर उगा लिए
और गांव बेच खा लिए।
गांवों से आती है मिट्टी
की सुगंध।
शहरों में फ़ैला है प्रदूषण।
मैं जब भी गांव जाता हूं,
वहां से ले आता हूं
गांव की सुगंध शहर में
और चाहता हूं की ये
सुगंध शहर में भी फ़ैल
जाए।
साथ में फलों-सब्जियों
को भी ले आता हूं।
जिससे देश का किसान
तरक्की कर सकें।
गांव को बचाना जरूरी है
शहर की तरक्की के लिए।

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4 MAR 2024 AT 20:38

तुम्हें जब-जब पीटा गया।
तुमने आह तक ना की।
तुम्हें मर्दो ने ही कमज़ोर किया।
जिन्हें तुमने शक्ति दी।
तुम चुप रही फिर भी
ना जाने कितनी गलियां तुम्हें
पुरुष समाज द्वारा दी गई।
पुरुषों ने किताबों में ही
तुम्हारी तरक्की देखना चाहा।
और हमेशा उड़ने से
पहले पंख नोच लिए गए।
ये भूल सभ्य समाज का
मुखौटा पहन ना जाने
कितनी बार की गई।
पैदा होते ही तुम्हें
भय की शिक्षा दी गई।
अकड़कर चलने पर
छाती छलनी कर दी गई।
मैं इसी एक बात से
पुरुष होने पे शर्मिंदा हूं।

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3 MAR 2024 AT 17:44

समय किसी रेल सा गुजर रहा है
और हम किसी यात्री की तरह
अपने-अपने स्टेशनों पर उतर रहे है।
एक दूसरे के मुंह को ताकते हुए
और पूछ रहे है तुम किस
गांव या शहर से हो?
जवाब हमें नहीं मिलता है
क्योंकि सब कहीं ना कहीं
भागने में व्यस्त है।
शायद हम घूम हो चुके है
अपनी ही यात्रा वाले डिब्बों में।
तभी एक किताबों वाला आता है
और मुझे एक किताब सस्ते में थमा देता है।
मैं उसे खरीदता हूं और किताब के
पहले पन्ने पर यही कविता पाता हूं
और चौक जाता हूं।

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3 MAR 2024 AT 12:46

एक गिलहरी रोज़ मेरी छत पर आती है।
वो कूट-कूट कर के दाना चुगकर चली जाती है।

जब भी डालता हूं दाने वो मुस्कुराती है।
भले आदमी हो कह के गीत कोई गुनगुनाती है।

कभी-कभी मिलना ना हो तो दूसरे दिन इठलाती है,
मौसम भी बदलते रंग-ढंग अपने वो ताली बजाती है।

बारिश में चली जाती है घर अपने,
शायद उसे भी याद घर की आती है।

एक गिलहरी रोज़ मेरी छत पर आती है।
वो कूट कूट कर के दाना चुगकर चली जाती है।

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3 MAR 2024 AT 11:24

कुछ लोगो ने जाति का
नशा इस क़दर कर रखा है
कि वो पिछड़ों को
आगे आने ही नही देना चाहते।
और कुछ पिछड़ों ने भी वही
नशा कर रखा है कि वो
आगे जाना ही नही चाहते।
आगे जाने की बारी आती भी है
तो कुछ खा-पीकर वही अटक जाते है।
इन दोनो में मतभेद है।
शायद नशा उतर जाने पर
ये मतभेद खत्म हो जाए।
पर कुछ नेता आ कर फिर से
इनमें फूट डाल जाते है।
ये चालकी भरी राजनीति ही है जो
देश को फिर से पीछे ढकेल रही है।
और हम इसे समझते हुए भी चुपचाप बैठे है।
अगर हम अपनी आवाज़ उठाने लगे
तो दुनिया और भी
खूबसूरत हो जाएगी।

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