हां तेरे नाम के गुलाब मैंने अपने बागीचे में लगाये हैं हां तेरे नाम के गुलाब मैंने अपने बागीचे में लगाये है पहले कली और फिर फूल बनने के इंतजार में हमने कई मौसम गमले के सामने बैठे बीताये हैं।
तेरे नाम का जिक्र सारे आम होना मेरा क्या ही बिगाड लेगा, मेरा मुझसे ही जुदा होना सारे आम किसी गेर को क्या ही देगा, यू तो तेरे नाम से ही धड़क रहा है दिल अगर सारे आम धड़कन थोड़ी तेज हो भी गई तो मुझे क्या ही हर्ज देगा ।