Kapil Verma  
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I don't write to impress anybody...I just write to impress myself.....
Joined 27 September 2017


I don't write to impress anybody...I just write to impress myself.....
Joined 27 September 2017
10 JAN 2023 AT 13:28

मुझको तो दर्द-ए-दिल का मज़ा याद आ गया,
तुम क्यों हुए उदास तुम्हें क्या याद आ गया?

कहने को ज़िन्दगी थी बहुत खुशहाल मगर,
कुछ यूँ बसर हुई कि खुदा याद आ गया,

एक नया दर्द मेरे दिल में जगा उठा बेरहम,
कल फिर वो मेरे शहर में आकर चला गया,

जिसे ढूंढ़ते रहे हम लोगों की भीड़ में अक्सर,
मुझसे वो अपने आपको छुपा कर चला गया,

सजा कैसी मिली हमको तुझसे दिल लगाने की,
रोना ही पड़ा मुझे,पर हाय वो फिर भी मुस्कुरा गया,

कौन बनेगा यहाँ मेरी दर्द भरी रातों का हमराज,
वो सोता रहा मगर, मुझे यादों में अपनी जगा गया,

..'कपिल वर्मा' ..

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10 JAN 2023 AT 10:38

रिस रिस के बहता है लहू,सीने पर इतने जख्म है,छालें है,
बड़ी मुश्किल अब मेरे सनम,हमने दर्द झेलें है,संभालें है,

हर एक फरेबी जहान में,खुदा किसका अब यकीन करे,
कहने को जो अपने है,पर सांप है जो आस्तीन में पालें है,

दिल है मेरा तन्हा बहुत,उम्मीदें भी है और कई अरमान है,
मंजिल भी मेरी अब दूर है,और कई सपने नये है,निराले है,

हर धड़कन में अब एहसास है,पर हर अक्स मेरा बेडौल है,
अब थाम ले मुझे तू हमसफ़र,अब जिंदगी तेरे ही हवाले है,

सिसकती बड़ी हर सांस मेरी,अंधेरों ने मुझे अब घेरा है,
हर राह मेरी अब बोझिल हुई,हर पहर जहर के प्याले है,

हमराह कोई अब साथ ले,तृष्णा से मुझे आजाद करे,
कदमों को पता मिले,अब टूटे जो किस्मत पर पड़े ताले है,

....................."कपिल वर्मा".....................

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20 SEP 2022 AT 12:57

तुम्हारे प्रेम का ये नशा,अनछूहा सा तेरा ये मादक स्पर्श,
मेरे रोम रोम को जैसे ये,मदहोश जैसे,शून्य कर जाता है,

तल्लीन मैं खुद को फिर,उस मोहक चकौर सा पा जाता हूँ,
जो चाँद को बर्बस पाने को,बस पागल सा हो जाता है,

आतुर हो उठता है मन,फिर अलिंगन में तुझे लेने को,
फिर ख्यालों का तेरा सैलाब,मेरे दिल मे उमड़ जाता है,

व्याकुल सा मैं फिरता फिर,उस सागर सा हो जाता हूँ,
जो नदी की लहर पाने को,पल पल मचलता जाता है,

तेरा सांझ रूपी यौवन फिर,आँखों में छलक सा जाता है,
पाने को तुझको मेरा दिल,तेरी ओर खींचा चला जाता है,

हर पल फिर ये मन मेरा,तेरी बस चाहत को तड़पाता है,
तू मेरा है,तू बस मेरा है,बस धुन यही गुनगुनाता है,

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19 SEP 2022 AT 12:12

सुबह की कोई हसरत ना,ना सुकून की कोई शाम रही,
जीवन में मेरे गमों की बस,हलचल यूँ ही तमाम रही,

बस तकती रही आँखे उसे, वो शायद कहीं नज़र आये,
पर पत्थर बना मेरा हमदम,मेरी ख्वाईश यूँ ही गुमनाम रही,

लबों के उसकी चाहत में,मेरे लबों की अधूरी प्यास रही,
आया ना मुड़कर वो कभी,मेरी उम्मीद यूँ ही नाकाम रही,

जिसे प्यार किया खुद से बढ़कर,तन्हां मुझे जो कर गया,
हाय मेरी अब जिंदगी,यूँ ही बेदम हुई,बदनाम हुई,

कभी दिल टुटा,कभी मैं टुटा,परवाह उसे कुछ ना रही,
वो खुश था मुझे यूँ देखकर,मैं बर्बाद उसी के नाम हुई,

आया ना यकीन मुझे खुद पर,कैसा ये मेरा नसीब रहा,
हालत मेरी ये देखकर,मेरी मुश्किल से हलक में जान रही,

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17 SEP 2022 AT 13:11

💓 कि अब तुम मेरे हो जाओ💓

कि मिटा दो सब दूरियां,अब तुम मेरे हो जाओ,
अब छोड़ो परवाह दुनियां की,अब तुम मेरे हो जाओ,

अब कोई शिकायत तुमको,मैं कभी आने ना दूँगा,
अब तुमको खुद से दूर कहीं,अब कभी जाने ना दूँगा,
तेरे रास्ते अब हर ख़ुशी अपनी,मैं कुर्बान कर दूँगा,
तेरी जिंदगी को जाना,हर मुकम्मल सजा दूँगा,
कि छुड़ा कर हाथ सबसे,मेरे हाथों मे थमा जाओ,
कि छोड़ो परवाह दुनिया की,अब् तुम मेरे हो जाओ,

तुम्हारी हर बात को,अब आवाज अपनी मैं दूँगा,
तुम्हारी किसी गलती को,अब बर्दास्त मे कर लूँगा,
तुम्हारे हर आँशु को,अब हर साज अपना मैं दूँगा,
कि ना कराओ अब इंतज़ार,मुझे गले से लगाओ,
कि छोड़ो परवाह दुनिया की,अब तुम मेरे हो जाओ,

देखो ना कैसे तेरे बिन,जिंदगी अधूरी लगती है,
मरते ना,ना जीते है,हर ख़ुशी अधूरी लगती है,
तुमसे हि आगाज मेरा,और तुमसे हि मेरा अंत सही,
तुम हो तो मेरी काया है,तुमसे ही मैं अनंत सही,
कि कर दो मुझे साकार सही,मुझमें कहीं समा जाओ,
कि छोड़ो परवाह दुनिया की,अब तुम मेरे हो जाओ!

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15 SEP 2022 AT 15:46

ये शायद हादसा ही था,जो ये मेरे साथ हो गया,
मैं तो चाहता ही नहीं था,पर फिर भी प्यार हो गया,

मैं तो ,शायद निखर सा गया था उसकी चाहत मे,
पर हुआ वहीं,मैं बर्बाद हुआ,मेरा जीना दुश्वार हो गया,

वो तो देखो ना,मस्त है आज भी गैरों की महफ़िल में,
पर यूँ देख कर उसे, साला मैं खुद शर्मशार हो गया,

रह रह के तड़प दे जाती है मुझे बेदर्द सी यादें उसकी,
कहने को मेरा वजूद तो है ,पर मेरा आधार खो गया,

क्यों ,सिर्फ मुझे ही सेहनी पड़ रही है इस प्यार की सजा,
मेरा सब कुछ लूट गया,और मैं ही गुनहगार हो गया,

वो तो जी रहा है देखो जिंदगी,बिना किसी शर्म के जिंदगी,
एक मैं हूँ,जो वफा करके भी तन्हां हुआ,यूँ लाचार हो गया,

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13 SEP 2022 AT 12:52

तुझमें ही बस रह जाता हूँ,मैं तुझमें ही खो जाता हूँ,
जब जब हो दीदार तेरा,बस तेरा ही हो जाता हूँ,

कैसे कह दूँ मैं ये तुझे,कि तुम पास मेरे अब हो नहीं,
तन्हाई के हर पल में,बस मैं पास तुम्हीं को पाता हूँ,

हर अक्स मेरा,ये रूह मेरी,बस तेरे ही आसीन है,
करता हूँ जब आंखे बंद,मैं तुझमें ही रम जाता हूँ,

यूँ तो कुछ बचा नहीं,मुझमें अभी कुछ खोने को,
महसूस तुझे करके सनम,मैं थोड़ा सा दम पाता हूँ,

तू जान मेरी,या जहान मेरी,या कहूं तुझे खुदा सनम,
छू कर तुझे पल भर सनम,एक नया जन्म पा जाता हूँ,

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12 SEP 2022 AT 11:50

ये रात हैरान कर देती है

हर रात ये मुझे हैरान कर देती है,
हर याद को तेरी नई पहचान दे देती है,
यूँ तो रिसते है आँशु,अश्कों से तेरे लिए,
पर ये आकर हर लम्हा आसान कर देती है,

पसरा रहता है हल पल सन्नाटा,मेरे इर्द गिर्द,
पर तेरी यादें मेरे बिखरे घर मे मकान बना देती है,
यूँ तो ये रात एहसास करा देती है तेरी मोजुदगी,
पर तुझे देखने की चाहत दिल मे श्मशान बना देती है,

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12 SEP 2022 AT 11:47

हर रात ये मुझे हैरान कर देती है,
हर याद को तेरी नई पहचान दे देती है,
यूँ तो रिसते है आँशु,अश्कों से तेरे लिए,
पर ये आकर हर लम्हा आसान कर देती है,

पसरा रहता है हल पल सन्नाटा,मेरे इर्द गिर्द,
पर तेरी यादें मेरे बिखरे घर मे मकान बना देती है,
यूँ तो ये रात एहसास करा देती है तेरी मोजुदगी,
पर तुझे देखने की चाहत दिल मे श्मशान बना देती है,

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13 APR 2022 AT 12:44

हर सोना चांदी एक तरफ,और मेरा होना एक तरफ,
मैं जिंदगी का क्या करुँ,जब तेरा होना एक तरफ,
कोई राह मुझे माफिक नहीं,कोई पीर मुझे अच्छा ना लगे,
जब देख लूँ तेरी आँखों में,फिर हर जादू टोना एक तरफ,— % &

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