Kapil Pushpkar  
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I talk to myself because i like dealing with a better class of people.
Joined 10 June 2019


I talk to myself because i like dealing with a better class of people.
Joined 10 June 2019
5 MAY AT 0:35

तलवार रखने वालों से दुश्मनी मंजूर हमको,
खंजर रखने वालों से दोस्ती भी नहीं गवारा।

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28 APR AT 20:29

विधी की शिक्षा सर्वोत्तम औषधि है
जो दिमाग में बैठे गुलामी के कीड़े को मार भगाती है,
और इंसान आजादी पसंद हो जाता है
कई महापुरुष इसके उदाहरण हैं,
अपवाद की स्थिति में लाइनों को दोबारा पढ़ें यह दिमाग के कीड़े को मारती है,
जिनके खून में गुलामी है बे अभी लाइलाज हैं।

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15 APR AT 11:39

जब शब्द मौन हो जाते हैं,
तो सन्नाटे गूंजने लगते हैं।

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10 APR AT 21:11

यूं ही नहीं इतना गुरुर लिए चलता हूं,
आंखों में अपनी एक सुरूर लिए चलता हूं,
जो दिल जीत ले उसका दास हो जाता हूं,
मैं मुट्ठी में अपनी तकदीर लिए चलता हूं।

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10 APR AT 20:40

यूं ही नहीं इतना गुरुर लिए चलता हूं,
आंखों में अपनी एक सुरूर लिए चलता हूं,
किसी ने दिल जीत लिया तो दास हूं मैं,
बाकी तो आंधियों को ओढ़ कर चलता हूं।

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10 APR AT 19:24

यूं ही नहीं इतना गुरुर लिए चलता हूं,
आंखों में अपनी एक सुरूर लिए चलता हूं,
जिसने समझ लिया उसके लिए दास हूं मैं,
बाकी तो आंधियों को ओढ़ के चलता हूं।

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5 APR AT 21:50


जहां से गुजरा एक अलग पहचान छोड़ आया,
अपने पीछे मैं बना हुआ मुकाम छोड़ आया,
वादा तोड़ा कदम मिलाकर चलने का उन्होंने,
मेरी मौत पर मैं जिंदगी के निशान छोड़ आया।

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23 MAR AT 22:42

जुनून रखते थे कभी जो संग मर-मिटने का,
लड़खड़ाए कदम तो बे भी जमीं पर आ गए।

जो कहते थे कि दुनियां से डरते‌ नहीं,
बे एसे डरे कि हमें डरना‌ सिखा गए।

सीमाएं लांघ दीं हमनें आसरे जिनके,
बे ही हमें सीमाओं में रहना बता गए।

भरोसा जाने था नहीं कि अब नहीं हम पर,
एसे बदला मन-मानो बिछड़ने को आ गए।

अचरज, कि दुहाई देने लगे हैं अब दुनियां की,
गैर भा गया मानो जो हमें ठुकराने पे आ गए।

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22 MAR AT 4:51

अंधेरों के तिलिस्म को उजागर कर दिया,
मेरे भटके हुए जीवन को मुसाफिर कर दिया।
तू दिशा थी जो मंजिल का इशारा करती थी,
मौत के मंजर में जीने का तू वादा करती थी।

भले साए तेरे वजूद के मुझे सोने नहीं देंगे,
चाहूं भी तो किसी गैर का मुझे होने नहीं देंगे।
भले याद में तेरी मैं ताजमहल न बना सकूं,
पर मुमताज से कम नहीं जो तुझे भुला सकूं।

ये बिखरे हुए मोती मैं किसी को पिरोने न दूंगा,
मैं खुश हूं बहुत तेरी यादों में इन्हें खोने न दूंगा।
मुझे पता है ये मैं तुमको कभी पा न सकूंगा,
और तुमको भी पता है कभी भुला न सकूंगा।

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4 MAR AT 22:46

If an external validation or appreciation can motivate you then a rejection can also destroy your passion.

Conclusion :- 1. Don't seek validation from worthless people.
2. Don't chase position just follow your dreams.

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