आज किसी पर यकीन किया था
आज हमें फिर दगा मिली
भीड़ भरे बाजार से गुजरे थे
आज फिर वीरानियां मिली-
Muser....
Nature lover....music l... read more
आसमां की सिफारिशें
चांद ही क्यों करे
मेरे भी तो अपनो का
वहीं ठिकाना है
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पश्मीना के धागों सी
सांसों में गरमाहट है
कुछ और नहीं उनके
उन्स की ये आहट है
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जुदा वो यूं हुआ था
जैसे धरती अंबर का फासला था
बस इतना सा गिला था
मेरे मकां के सामने ही उसका मकां था-
मैं तुझसे दूर सही.....
तुझमें एक एहसास रहूंगा
सांसों में तेरी घुल जाऊंगा
तेरे दिल के पास रहूंगा
कहीं भी न ढूंढना अब मुझे
मिलूंगा हर जगह
हवा की तरह मैं तुझे .....-
जरा गौर से सुनो
दीवारों की दरारों को
मकड़ी के जालों को
धूल भरे किनारों को
चौखटों के सहारों को
मैले पर्दों के इशारों को
टूटी हुई चारपाई को
उधड़ी हुई रजाई को
भदरंगी बिछाई को
छत से टपकते नीर को
जंग लगी जंजीर को
तुमने आने में देर कर दी
अब ये घर, घर नहीं रहा
शमशान बन गया है
तुम्हारी यादों की चिताएं
यहां हर रोज जलती हैं
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बस बहुत हुआ अब....
बंदिशों को तोड़कर
रूह के परिंदे को
आजाद हो जाने दो....
किस्मत को बहुत
आजमा लिया
अब सुकून के दरवाजे
खटखटाने दो....
शायद हमारा साथ
इसी जहां में था
उस जहां में मुझे
तन्हा ही जाने दो....
तुमसे मुलाकात
कयामत के दिन होगी
बस अब मुझे
फना हो जाने दो....
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अंधेरे में जुगनू की तरह झिलमिला जाऊंगा
बस आंख बंद करना, मैं नजर आ जाऊंगा-
हम बंद आखों से उनका तवाफ करते हैं
और वो हमारी गलतियों का हिसाब करते हैं-
हवा बिक रही बाज़ार में, सांसें तंग है
ज़िंदगी की ज़िंदगी से कैसी ये ज़ंग है
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