वह क्यों रहते हैं दूर इसका कोई मतलब तो होगा
धड़कते दिल में उपहंता कोई मंजर तो होगा,
यूं ही नहीं होता कोई अपनों से जुदा,
हर रिश्तो के बिगड़ने के पीछे कोई बवंडर तो होगा-
मुफलिसी में हमें ऐसे ही भीगाओगे हमने सोचा ना था,
मेरी आंखों में आंसुओं को तुमने रोका न था,
कि तुम फरमाओगे हमसे गद्दारी इश्क
क्या ये हमसे इश्क में धोखा ना था-
ले चलो हमें भी फिर उस शहर में
जहां हम बदनाम हुए थे
ले चलो हमें फिर वहां
जहां हमारे किस्से तमाम हुए थे
हम ही हैं वह शख्स जो इश्क में नाकाम हुए थे
और हम ही हैं वह शख्स जिसकी वजह से शहर बदनाम हुए थे-
माना की कोई रिश्ता नहीं पर यूं ठुकराओ ना,
हंस कर ना सही एक बार नज़रे मिलाओ ना ,
जीवन के इस सफर में उम्र भर ना सही ,
थोड़े से सुकून के पल हमारे साथ बिताओ ना-
हम नही मानते खामोशी है उसका मिजाज
हां भरी बज़्म में वह कह ना पाया होगा— % &— % &-
तुम इनकार करो, हम इजहार करेंगे
ये इकरारे मोहब्बत हजार बार करेंगे
कभी तो गुज़रो यार तुम मेरे कोरीडोर से
वरना हम तुम्हारा इंतजार तुम्हारे घर के बाहर करेंगे,,,,-
न जाने वह कैसा दर्द था जो मैंने संभाला था,
था वह ऐसा शख्स जो मेरा दिल दुखाने वाला था,
टूट कर बिखर गए थे हम उसे हादसे से,
फिर भी वह शख्स कहां बदलने वाला था,
मैं बना तो देता उसको ताज ए मुमताज,
पर वह मेरा रफीक अब दूर जाने वाला था,
वह न कर सके मेरे दर्द ए गम की पहचान,
अब मेरे पास सिर्फ आंसुओं का प्याला था,
हम हर रोज करते रहे उनके लौट आने की तमन्ना,
पर वह शख्स "कपिल" के इशारों को कहां समझने वाला था,,-
तेरी मुस्कान मेरे जीने की आस है
तेरी सुरिलि आवाज में मां सरस्वती का बास है
तेरा होना ही मेरे लिए सुखद एहसास है
मेरी बिटिया ही मेरा गुरूर और मेरा अभिमान है-
हृदय की गहराई में बसे इस एहसास को कैसे छुपाएं,
कैसे तुझसे दूर रहूं और कैसे तुझसे प्यार जताएँ,,
एक द्वंद्व सा एक हलचल सी है,
हम कह भी ना पाऊं और बताएं बिना रह भी ना पाऊं,,-