सच क्या है मैं जानता हूं
मगर मुझे मेरी तय की गई सच्चाई पसंद है
मगर तुम मुझे उसे मानने को मजबूर न करो
तो मैं उसमें भागीदार नहीं होना चाहता
तुमने जो सोचा वो तुम्हें खुशी देता है मुझे नहीं
तो अपनी खुशी को मेरी खुशी न समझो
मैं क्या हूं मेरे होने को तुम न होना समझ लो
मगर मैं तुम्हारी हकीकत में नहीं हूं ये जानना भी तुम्हारे लिए जरूरी है
मैं वो पन्ना हूं तुम्हारी जिंदगी का जिसको न भी समझो तो कोई अंतर नहीं हैं
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kant @07
(Kant@07)
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A true revolutionary is guided by the feeling of love.
Kya. Frk_pdta.hai
Kya. Frk_pdta.hai
Joined 3 March 2019
29 AUG 2021 AT 1:39
27 JUL 2020 AT 2:05
आग की लपटों में वो आराम से सोया रहा
वो आंसू बहाते रहे ओर वो किसी ओर दुनियां में खोया रहा
बरसो पुराना रिश्ता ढेर मिट्टी का होते दिखा
वो जो अपना है, था होते दिखा
कंधे से शमशान तक ढोया गया
आंसू आंख में था फिर भी रोया न गया
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27 JUL 2020 AT 1:54
रिश्तों के अनचाहे मंजर देखे
यहाँ अपनों की दुनियां में अपनों के हाथों ही खंजर देखे
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11 JUL 2020 AT 20:05
किसी मोड़ पर कभी दिखोगे क्या
एक ज़माने मेंं जैसे थे वैसे मिलोगे क्या
दूर से ही तब आवाज़ लगाया करते थे
अब सामने आता देख बात करने को रुकोगे क्या
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8 JUL 2020 AT 12:30
वो समंदर में डूब जाने को बेताब है
बताता नहीं, मगर जानता भी नहीं वो खुली किताब है
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5 JUL 2020 AT 22:56
संघर्ष ए सैलाब क्या होता है
जिसके पास सब सब होता है उसके पास क्या होता है
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