तुझे सब लिखा हर दम लिखा हर लहज़े में तुझे अपना सनम लिखा तेरी बातों को,तेरी आदतों को कुछ यूं लिखा कि तेरे आंखों की गहराई को, तेरे चेहरे की मुस्कान को हुबहू लिखा फिर भी तू कुछ यूं सोचता हैं मैने तुझे क्या लिखा। __कन्नू सिन्हा
हमारी दास्तां कुछ यू ख़तम हुई बारात उनकी निकली जनाजा हमारा भी निकला गारी उनकी सजाई गयी अर्थी हमारी भी सजाई गयी फर्क बस इतना था उन्हे अपनाया गया और हमें जलाया गया।
क्यों मेरे सुकून के लिए तेरी एक तस्वीर काफी हैं क्यों मेरे गुस्से के लिए तेरी एक मुस्कान काफी हैं क्यों मेरी खैरियत के लिए तेरी दी हुई एक ताबीज़ काफी हैं क्यों मेरे लिए तु काफी हैं
Zindagi barbaad ho gyi Humse engineering hoti hi nahi hai Hume engineering aati hi nahi hai Class nahi karte assignment nahi banate Humse padhai hoti hi nahi hai Zindagi barbaad ho gyi