Kanishka Jain   (कनिष्का जैन)
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Joined 31 October 2018


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Joined 31 October 2018
6 DEC 2023 AT 19:52

चल मुलाकात करते है!
सुबह की वो ठंड मे
दो चाय कप साथ में,
ठिठुरती सी शाम में
प्यारी बाते करते है!

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12 SEP 2023 AT 22:57

एक दो एक दो
खुदी को खो दो!

तीन चार तीन चार
कोशिश करो बार बार!

पांच छह पांच छह
दिक्कत थोड़ी सह सह!

सात आठ सात आठ
बांध लो मन में गांठ!

नौ दस नौ दस
इतना कर लो बस!

ग्यारह ग्यारह बारह बारह
जीवन में लो थोड़ा सराह!

तेरह तेरह चौदह चौदह
चमकते रहो जैसे सुबह!

पंद्रह पन्द्रह सोलह सोलह
मजबूत बना खुदको हर तरह!

सत्रह सत्रह अठारह अठारह
आसमां की उड़ान में हो फतह !

उन्नीस उन्नीस बीस बीस
कर्म करते रहो और बनो नफीस!

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7 SEP 2023 AT 21:36

क्यों अकेले छुपी तू नजरो से ,
साथ बैठ इस अंधेरे सफ़र में
कुछ न सही झूठी तकरार तो कर !

भीगी चक्षु को न अश्क में बहाकर
न क्रोध भरे जज्बातों में खुद को दबा,
कह दे जो तड़प तड़प के जी उठी जबां
मुझसे न सही अंधेरे से दो अल्फाज़ तो कर!

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7 SEP 2023 AT 13:56

बांसुरी की तान पे
नचाए जो गोपियों को
ऐसा नंदलाला नटखट
रंग रसिया श्री कृष्ण है!

छैल छबीला छलिया से
माखन चुराने वाला,
मन मोहिनी मूरत मोरपंखी
मुकुट जो साजे श्री कृष्ण है!

भावो को निश्चलता से
हरदयगमन करने वाला
सर्वव्यापी विश्व विधाता
लीलाधर भी श्री कृष्ण है!

पीताम्बर और नीलांबर कृष्ण
कोमल चंचल, वीर साहसी कृष्ण
अत्र - तत्र , यत्र- सर्वत्र कृष्ण
सृष्टि का सार ही श्री कृष्ण है!

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19 AUG 2023 AT 10:22

वो शाम की घड़ी थी
मैं जिन्दगी से अड़ी थी
गरज रहे थे बादल
मैं गुमशुम सी खड़ी थी

था अंधेरा चारो तरफ़
मगर आँखों में चमक थी
बिजली से तेज चल रही
धड़कनों में हैरानी कोई थी

छाया बादलों का एक समां सा
मैं निहारने चली एक कड़ी थी
रुकते थमते बूंदों का एक सैलाब सा
न जाने क्यूं मैं हरैत में पड़ी थी!

हैरानी हुई इन बादलों के शोर से
ना जाने क्यों सुनने लगी मैं गौर से
कुछ बाते अनकही सुनाई देने लगी
जैसे बारिश में मोरनी नाचने लगी!

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18 AUG 2023 AT 15:12

उदासी बात करती है
जोश से,
जुनून की....

उदासी बात करती है
हार से,
जीत की....

उदासी बात करती है
कर्म से,
कर्मनिष्ठ की .....

उदासी बात करती है
दुःख से,
सुख की.....

उदासी बात करती है
अंधेरे से,
रोशनी की.....

उदासी बात करती है
बादल से,
बरसने की......

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23 JUL 2023 AT 16:35

मेहनत अपनी जारी है
जो अब तक न किया
अब करने की बारी है!
चाहे कांटे हो या कंकड़,
मैने की पूरी तैयारी है,
रुकना नही थमना नही ,
अब उड़ान भरने वाली है!




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22 JUL 2023 AT 21:23

,उन मुद्दों की
जो घटित हुई एक सैर कभी
साजिश हुई उस दुनिया की
जो दबी हुई एक नैन तभी !

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22 JUL 2023 AT 11:36

जुनून से संघर्ष की गुजारिश है,
मत हो तू हताश और निराश
ऐ जिन्दगी!ईश्वर की ये सिफ़ारिश है!

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21 JUL 2023 AT 21:12


जीवन एक सच्चा अनुभव है,
सिंचित लक्ष्यों का प्रतिफल है,
रख पाएगा जो हौंसला ,हिम्मत
और साहस की डगर, वही तो सफल है!

उठो जागो और बनो सशक्त,
नग नद सागर से हो अभिरक्त,
उन्मुक्त गंगन की उड़ान में
जैसे बूलंद प्रकाश भी हो व्यक्त!

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