चले गए
लिख मेरी कहानी को वो, कुछ इस तरह चले गए
हम पूछते रहे गलती अपनी ,वो सजा सुनाकर चले गए
दर्द दिलो का समझे कैसे वो दिल चुराकर ले गए
आंसू भी बहाए कैसे वो जज्बात लेकर चले गए
आग जल रही थी सीने मे वो घी डालकर चले गए
उन बुरे हालातो मे वो पीठ दिखाकर चले गए
वो बस चले गए ...
-