Sometimes I imagine you
Feel like looking into your eyes
My Eyes and lips smile
And my heart cries,
I feel like a sunflower
And you are like butterflies
Just if I'm huge ocean
At horizon meeting the Open skies
But just look at the irony
The horizon is far as million times-
एक तरफा हो, तो दुनिया को प्यार सच्चा नहीं लगता,
22 का हो गया हूँ, अब नखरे करके भी मैं बच्चा नहीं लगता,
साइकिल पर दोस्त देखेंगे , तो बेज्जती होगी,
गर्मी में मास्क लगाना मुझे भी अच्छा नहीं लगता-
हर जुगनू ज्योत में जल ही जाए, जरूरी थोड़ी है
हर कोई बैतरणी तर ही जाए, जरूरी थोड़ी है
सीख लेते हैं कुछ आशिक़ दर्द के साथ जीना भी
हर रांझा प्यार में मर ही जाए, जरूरी थोड़ी है।-
महीने पहले आए मेघा,
बरसात गत निशा हो ही गयी,
जैसे विरहन में जलती आँखे,
आख़िरकार रो ही गयी।-
ये आंखों के नीचे स्याह निशां गवाह हैं,
रातें तुम्हारी भी सुहानी नहीं हैं;
और एक पहर भूखे रहकर जताना गुनाह है,
हमारे लिए ये कोई नई कहानी नहीं है।
क्या हुआ कान्हा फिर से धोखा मिला?
खैर अब तेरे लिए ये कोई नई कहानी नहीं है-
भूल जाएगी ये दुनिया हमको, एक बार ज़रा हम जल तो जाएं,
मिट जाएगा मेरा नाम ज़हन से, कोई ज़रा सा हम-सा मिल तो जाए,
कदर न होगी मेरी, ना मेरी वफ़ा की इस दुनिया में,
जब जाना है गुमनाम यहाँ से, तो आज ही चल, कल क्यूँ जाएं।-
अब तो तूं उन प्यासों को भी नहीं भाता कान्हा
जो बिन मौसम बरसात की दुआ करते थे;
जिनके पास दरिया है,
वो तो तुझसे यूँ भी खफ़ा हैं।-
तेरी रग रग से हूँ, वाकिफ़,
मुझसे ना छुपाया कर,
गैरो को मेरे सामने ,
गले से ना लगाया कर,
और मुझे चाहने वाले कई हैं,
फिर भी तेरे साथ हूँ,
ये कह-कहकर मेरा सीना ना जलाया कर,
गर किसी रोज वक़्त गुज़र जाए मेरे साथ,
तो एहसान तेरा, बार बार मत जताया कर
तेरा मेरा रिश्ता तो राज़ था ना
भरी महफ़िल में सबको ना बताया कर
और मन भर गया है मुझसे, तो छोड़ दे ना,
मेरा क्या होगा ये सोचकर ना रुक जाया कर
जानता हूँ मैंने तेरा वक़्त जाया किया,
माफी चाहता हूं, तू ना पछताया कर।-
जो कर ले जुर्म कबूल, वो गुनहगार ही क्या
जिसमे हुआ ना हो घाटा वो व्यापार ही क्या
जो करता हो चापलूसी, वो अखबार ही क्या
जो हालात देखकर व्यवहार बदलें, ऐसे यार ही क्या
जो बनें हो दौलत देखकर, रिश्तेदार ही क्या
जो हो जाए मुकम्मल, वो प्यार ही क्या।
जिसमें हो ना वतन की खुशबू, वो बहार ही क्या
मिल जाए जिसकी काट, वो हथियार ही क्या
जो जीत को ना तरसा दे, ऐसी हार ही क्या
रखी हो बस मयानों में, वो तलवार ही क्या
जो टिकी हो समर्थन पर, वो सरकार ही क्या
जो हो जाए मुकम्मल,वो प्यार ही क्या।
जो लिखे ना अपना दर्द, वो गुलज़ार ही क्या
टूटे ना दिल जिसका, वो दिलदार ही क्या
जो पूरा हो जाए कभी, इंतेज़ार ही क्या
पल भर में खत्म हो जाए, ऐसी तकरार ही क्या
जो करते हुए हाथ ना कांपे, इश्क़ का इज़हार ही क्या
जो हो जाए मुकम्मल,वो प्यार ही क्या-
क्या है जवानी, क्या जीवन है, जीव प्रेम जब शेष नहीं
क्या सुंदरता, क्या दर्पण है, चित में रहा जब देख नहीं
क्या मर्यादा, क्या रघुनंदन, जब सीता के दुख एक नहीं
कर्म नहीं सब धन ही पूजे, ये गीता का उपदेश नहीं।
गाय बचे पर भैंस को मारें, जीवात्मा क्यों एक नहीं;
धर्म-जाती में जनता मरती, राजनीति आंखे सेक रही;-