Kanha Sharma   (Kanha sharma(natkhat_write✍️))
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Joined 22 March 2017


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Joined 22 March 2017
10 APR AT 17:33

तू कौन है क्या है न जानूं मैं न कभी जानना चाहूं मैं
एक अजनबी से दोस्ती न जाने कब क्यों कर बैठा मैं
बात जब से शुरू हुई और आज तक करता रहा मैं
दिल की हर बात बातों ही बातों में जताता रहा मैं
बेबाकी से करता हूँ तेरे से दिल की बातें जो भी मैं
किसी और से नहीं कर पाता ऐसी वैसी बात तेरे सिवा मैं
खुलकर बोलता हूं अपने मन की हर अच्छी बुरी बात मैं
तुझे भी बहुत बुरा लगता होगा मेरी बातों से ये भी जानता हूं मैं
पर क्या करूं आदत से मजबूर हूँ बात किए नहीं रह पाता मैं
तू भले ही मुझे भुला दे लेकिन तुझे नहीं भुला पाऊंगा मैं
अच्छा हूं बुरा हूँ गंदा हूँ जैसा भी हूं दोस्त माना है तो दोस्त हूं मैं
हँस लेता हूं हँसा देता हैं मुस्कुराता हूं मुस्कुरा देता हूं
अपनी हरकतों से बातों से प्यार जाता लेता हूँ मैं
लड़ लेना झगड़ लेना कभी बात भी मत करना
तुझे अपनी यादों में समेट कर महसूस कर लूंगा मैं
मेरे मासूम से दिल में बसता है तू कैसे बताऊं तुझे मैं
इसलिए तुझे खो नहीं सकता प्यार बहुत करता हूँ मैं
तू मुझे अपना मान या न मान तुझे दिल से दोस्त मान बैठा हूं मैं
अब बता कैसे इस दिल से तुझे निकालना पाऊं मैं..✍️🖤🙃

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15 JUN 2017 AT 23:28

Mai To Dil Hi Dil Me Ro Rha Tha...
Na Jane Achanak Ye Badal Kyu Barash Pade...!

मैँ तो दिल ही दिल मेँ रो रहा था...
ना जाने अचानक ये बादल क्यू बरस पङे ...!

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21 MAY 2017 AT 7:10

निर्मल मन से जो भी मुख पर अपने राधे नाम लाएगा
नाम में मेरे वो हर बार श्याम दर्शन पायेगा
जो दिल से मीरा के गीत गुन गुनायेगा
गीतों में वो हर बार मोहन का प्रेम पायेगा
Anjana_Shaks
📝❤K

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7 MAY 2017 AT 12:44

क्षण भर की है ज़िन्दगी क्षण भर की हैं खुशियाँ
समय के साथ बीत रही है उम्र सारी
जरूरतों में उलझ गयी है ज़िन्दगी बेचारी
जिधर भी देखो उधर चली जा रही हैं
भाग दौड़ में ये ज़िन्दगी सारी
कर न सके कोई अपने मन की बात
अपने को ही ढूंढती रह गयी ये ज़िंदगानी सारी

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27 APR 2017 AT 11:43

जब आप गलत व्यक्ति से
इतना प्रेम कर सकते हैं,
तो फिर सोचो...
सही व्यक्ति से कितना प्रेम कर सकते हो?

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27 APR 2017 AT 0:02

वो तोड़ता पत्थर कड़ी धूप में
वो उठाता बोझ सूरज की गर्मी में
वो परिश्रम करता सूरज की तपिश में
वो चलता बरसते अंगारों में
वो ये सब करता अपना घर चलाने में
वो क्या समझेंगे, वो क्या जानेंगे
जिनकी गर्मियां गुजरती हों एयर कंडीशनर की छाँव में

Anjana_Shaks
📝❤K

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12 APR 2017 AT 13:09

जिस पेड़ की छाँव में चारपाई पर बैठकर सदियों से होती मुलाकातों को,
उस पेड़ की लकड़ी से बने फर्नीचर ने एक कमरे में समेट दिया है।

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24 MAR 2017 AT 11:19

'लोग ये नहीं जानते कि हम इसलिए मुस्कुराते हैं क्योंकि हमें मुस्कुराने की कसम है।'

'वरना तो.......दिल में बसने वाले भी नहीं जानते कि दिल में कितना दर्द दफ़न है।'

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18 JAN 2021 AT 21:01

बहुत कम लोग होते हैं इस जहान में.... साहब.

जिनके यहाँ विचार मिलते हैं,

जो दिल अच्छे होते हैं वो बड़े इत्तफाक से मिलते हैं।

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6 NOV 2020 AT 20:01

हर रात आकर नींदे चुरा लेती है,
सोती नहीं खुद भी ना मुझे सोने देती है.
देखकर मुझे वो बहुत मुस्कराती है,
मैं भी उसकी इस अदा पर मुस्करा जाता हूँ.
बात-बात पर गुस्सा आता है उसे,
ये देख गुस्सा उसका मैं शर्मा जाता हूँ.
अंतर्मन हृदय में खिल जाता है फूल गुलाब का,
हर एक लम्हा एहसास दिलाता है नये-नये प्यार का.
नया-नया है रिश्ता और दोस्त काफी अच्छी है वो मेरी,
केयर भी बहुत करती है और टांग भी खींच देती मेरी.
मैं तारीफ करूँ तो कैसे करूँ
उसकी हर बात पर तारीफ कर जाती है मेरी,
कुछ मासूम कुछ नादान है शैतान सी है वो.
तारीफ के काबिल हम नहीं तारीफ़ के काबिल वो है मेरी,
मैं कह नहीं पाता उसके बारे में कुछ भी.
मेरे पास कोई शब्द नहीं उसकी तारीफ में कहने को कुछ भी,
वो जैसी भी है अच्छी है प्यारी है मासूम है,
वो अपने पापा मम्मी की परी और होने वाली जिंदगी है मेरी।

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