Kanchan tyagi   (Kan1015)
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Kanchan
Joined 8 March 2019


Kanchan
Joined 8 March 2019
3 APR AT 9:32

दुनिया की परवाह क्या करें
उस दुनिया ने ही तो...
दिल को इस कदर घायल किया कि..
अब तो कोई मरहम भी काम नहीं आता
     --kanchan

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14 MAY 2023 AT 1:45

चलो अब सो जाते है..
सपनो में खो जाते है..
हकीकत में जो ना हुआ मुमकिन,
उसे ख़्वाबों से चुरा लाते है..
लेकर आगोश में तुझे,
कुछ हसीन लम्हो को जी लेते है..
---kanchan

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9 FEB 2023 AT 21:13

मुकम्मल इश्क़ की तलबगार नहीं ये आँखे,
थोड़ा थोड़ा ही सही,
रोज़ तुम्हारे दीदार की चाहत है इन्हें...!!
           --kanchan
---kan1015
         

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6 JAN 2023 AT 14:41

यादों मे यूं कतरा -कतरा, लम्हा लम्हा,
जीने की जुस्तजू मे मर ना जाएं हम तन्हा- तन्हा!

बिखरे भी, मिटे भी, हम टूटे भी बेइंतहा,
करीब थी मंज़िल और रूठा उमीदो का जहाँ!

शोर -ए -दिल किसी से हम कर ना सके बया,
चीखती रही रूह, मगर सील सी गई जुबां!

ख्वाहिशे ज्यादा ना थी, बस -"एक आशियां '!
तुम से हो राते हसीं, तुम्ही से हो उजली सुबह!

इश्क़ मे तुम्हारे झूमू, लुटा दू अपने दोनों जहाँ,
विरह मे बरसती आँखे चूमे तुम्हारे क़दमों के निशां!

धागे मन्नत के ना जाने बंधे हमने कहाँ -कहाँ,
यहाँ ना सही, मिलना तुम झूमती है परियां जहाँ!

टुकड़ों मे ना बिखरेगा जहाँ ख़्वाबों का कारवां...
दुनियादारी से परे, धडकेंगे दो दिल नादां वहाँ!!
       --kanchan
      








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14 APR 2022 AT 17:20


          कि...
छू लू तुझे या तुझमे ही बस जाऊ....
लब्ज़ लिखू या खामोश हो जाऊ...
करू- इश्क या करू- मोहब्बत....
थोड़ा सा तो दिखा प्यार.....
... जिससे मै तुझमे ही खो जाऊ....
इन उलझनों से निकल पाऊ...
      -- kanchan

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13 APR 2022 AT 22:02

You're my secret love..
You are my childhood love..
Your are adulthood mission.
To find you was my passion.
Got you online... My friend,
Let's keep the secret mission
Let's find out some thrilling session.
It would be possible after planning session.
This will be followed by love session..
Season after season
Hence you're my secret
          --kanchan

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12 APR 2022 AT 22:59

शाम का साथी हमारा
बहुत ही सुन्दर साथ हमारा
ले चाय की चुस्की संग...
हँसी ठटोली भरा प्यार हमारा
खुशियों का साथी हमारा
ये शाम का साथी हमारा
        --kanchan

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12 APR 2022 AT 17:48

किसका रास्ता देख रहे
किससे मिलने को तड़प रहे हो
ख़्वाबों में गश्त क्यों लगा रहे हो
किसकी यादों से खेल रहे हो
क्यों दिल को मेरे जला रहे हो
लबों से हँसी क्यों मिटा रहे हो
हकीकत के हसीन लम्हो को
क्यों तुम गवां रहे हो...
क्यों मेरे ज़हन से खेल रहे हो...
क्यों तुम मुझको सत्ता रहे हो...
          --kanchan

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31 DEC 2021 AT 22:35

क्या शहर को मेरे आ जाती है
तुम्हारे यहाँ होने की खबर
इनकी हवाएं बहकने लग जाती है
मंद मंद सी बह रही थी कब से
अब मचल मचल जाती है
-- Kanchan

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29 DEC 2021 AT 12:51

तेरे प्यार की सौंधी खशबू
मेरी रूह को हर लहजा महकाती है
     -kanchan

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