कोई नही करता निस्वार्थ प्यार अब मुझसे
जिसकी लाडली थी वो मां तो चली गई
की अब कौन करेगा नाज मुझपे
जिसकी आंख की तारा थी
वो मां तो अब है ही नही-
Proud Allenite
A day dreamer
Just going with flow
I@kanchan_mahii
बरसात गिरी और
कानों में बस इतना
ही कह गई की
गर्मी किसी की भी
हमेशा नहीं रहती।-
शादी के बंधन में बंध के
कहने को जीवन भर का प्रीत मिला
पर मन ललचाया रह गया
कहां उसको मन का मीत मिला
जमाने के बंधन में बंध के
वो रिश्ते निभाती रहती है
पर मन तो मन ठहरा
मोहब्बत को लालकायी रहती है
पत्नी होने के बाद भी वो
प्रेमिका सी आस लगाए रहती है
पर वो तो बहुत पहले ही
कही और इश्क लुटाए बैठे है
मोहब्बत और मीत की आस में
वो जीवन भर तड़पती रह जायेगी
फिर होगा कुछ यूं की जिम्मेदारियों
के आड़ में उसकी ये आस भी दब जायेगी
-
कभी कभी सोचती हूं
ये कहां जाए जा रहे है हम
जीने का कोई मकसद भी है
या बेवजह जिए जा रहे है हम
दिल से खुश हुए एक अरसा बीत गया
बस यू ही दूसरो के बातों
पे मुस्कुराए जाए जा रहे है हम
की कभी कभी सोचती हूं की
ये कहां जाए जा रहे हैं हम-
मां ने तो उम्र भर संभाला है
हमे तो जिंदगी ने रुलाया है
कहां से पड़ती कांटो की आदत हमे
मां ने हमेशा अपनी गोद में सुलाया है-
Khushi ho ya gham ho sabko
bahein khol apnaye jaa rahe hain
Aajkal mujhe khud ki bhi khabar
nahi hai ki hum kaha Jaye jaa rahe hai-
आपकी खैरियत का ही जिक्र रहता है दुआओं में
मसला सिर्फ मोहब्बत का ही नही फिक्र का भी है !-
Train ki khidkiyon se aati thandi hawayein
Upar se kambakhat dhalti sham
Kuch purane gane aur
Mehboob ke bahon me aaram
Uff mai aur mere kuch
haseen khwaab-