चलो माना हो गई ख़ता, अब तुम ही बताओ क्या करे इश्क़ में तेरे झेले जिल्लत या तुझ पर जां निसार करें 'कनक'नादान नही जो जानती हो किसी के दिल से खेलना लेकिन जो 'कनक' दिल से खेले, तो जरा बताओ उसका क्या करे
आज जो हो रहा हैं ,उसका अंजाम आयेगा वफ़ा की जिक्र हों तो लव पर तेरे मेरा नाम आयेगा सब्बा ख़ैर रहे तुम्हारी, मेरे हिस्से में जाम आयेगा मुख्तलिफ हों भले, पर ख़्वाब में मेरी याद आयेगा बेतकलुफ्फ हो,क्या पता आज तेरा चांद आयेगा
कोरोना का पड़ा है मार फिर भी नेता घूम रहे द्वार द्वार सुरक्षित रहें भविष्य का आधार इसलिए बंद पड़ा विद्या का द्वार धन्य धन्य, अहोभाग्य हमारे जो पाए शुभचिंतक तारणहार
गण सोए सड़क पर नेता रहे महल अटारी गण रहे भूखा पेट आपके तोंद रहे भारी हों रही हैं खूब गणतंत्र की तैयारी
गण का मतलब हैं मर्द औरत रहे नजर बंद बापू के बंदर अब पड़ रहे हैं सब पर भारी हो रही हैं खूब गणतंत्र की तैयारी
बोतले मयखानों में झूम रहे सिनेमाघर में एक दूसरे को चूम रहे दफ़्तर भी चल रहे निजी और सरकारी पर स्कूल -कॉलेजों में कोरोना की मार पड़ी है भारी हो रही हैं खूब गणतंत्र की तैयारी
औरतों के बारे में कुछ नहीं कह सकते...!! ये कहने वालों गौर से सुनो... तुम उनके बारे सब कुछ कह सकते हो बस शर्त इतनी हैं कि तुम उन्हें सुनो... जब वो तुमसे कुछ कहना चाहती है तब तब नहीं जब तुम चाहते हो।