मेरी आखरी कहानी की पहली अदाकारों हो तुम,मेरे सपनो का सालोनो का सितारा हो तुम, कोई किसी को कितना चाहे वो हद का आखरी किनारा हो तुम,तुम होतो मै हूं ऐसा सफरनामा हो तुम,कोई फिर भी कभी पूछेगा कोन हो तुम तो बस मुकुराएंगे और चुप रहेंगे और मन ही मन कहेंगे,
किसी का चुप रहना दिल में कुछ यूं चुभ रहा है,जैसे की रात होते ही घर का दिया बुझ रहा है मशरूफ है सभी अपनी अपनी जिन्दगी में, जो कहते थे तू रो रहा और दिल हमारा जल रहा है
किसी के साथ रह कर भी तन्हा महसूस करना खुदको को भूल जाना और किसी को याद करना के मौसम में बस बहारे हो ये कहना अच्छा नही जैसे अच्छा नही किसी को इश्क़ में इरसाद करना
क्या हुआ , दिल-ऐ-धोका बेकार हुआ क्यों पहली बार हुआ ,और इतना असरदार हुआ ये क्या तुम भी रोते हो क्या इन्हीं सब बातों से ऐसा क्यों लगता है दर्द तुम्हे भी इस बार हुआ
मैं प्यासा हूं नहीं बस बताया जा रहा हूं कुछ लोगों के दिखाएं हुए ख्वाब दबाए जा रहा हूं अब सब्र कर अब कहां है वो यहां न जाने कैसे-कैसे इल्जाम उठाए जा रहा हूं