पापा,आपके जाने के बाद मैंने सब कुछ बदलते देखा है घर को बिखरते देखा है अक्सर रातों में माँ को रोते देखा है भाई को अकेले लड़ते देखा है छोटू को संभलते देखा है ख़ुद को टूटते देखा है ख़्वाहिशो को मरते देखा है कम पैसों में घर को चलते देखा है अपनों को बदलते देखा है हर रोज आपके ना होने की कमी को खलते देखा है खुशियों को नज़र लगते देखा है पापा आपके जाने के बाद मैंने सब कुछ बदलते देखा है....
होते हैं कुछ पुरुष जिनको नहीं लुभाता दैहिक आकर्षण वह बस ढूंढते हैं प्रेमिका के हृदय में अपनी स्मृतियों को हां वो पुरुष जो महंगे उपहार के लेनदेन को प्रेम नहीं समझते हैं जो जीना चाहते हैं अपने प्रेम को अनंतकाल तक हो सके तो सहेज लेना ऐसे पुरुषों को।।
मैं चाहती हूं तुम्हारे प्रेम में डूबना इतना कि तुम्हारे होने का एहसास भीड़ से अलग कर दे मुझे मैं चाहती हूं समायोजन उन अनगिनत कल्पनाओं का जो मुझे रात भर गुदगुदाती हैं मैं अपनी प्रेम की परिभाषा में तुम्हारे समर्पण का सुखद एहसास चाहती हूं मैं तुम्हारे रंग में खुद को रंगना चाहती हूं