चलो!
मैं माटी बनती हूं देश की,
तुम परचम बन जाओ।-
आजकल खुदा को मेरे
फिकर मेरी
पहले से
कुछ खास रहती है।
पर हैरां नहीं हूं मैं
उसके इस रहम पर,
मेरी मां जो अब
उसके पास रहती है।।
-कामना-
बस यहीं आकर हर शख्स खुदा के आगे मजबूर हो जाता है।
जब उसका सबसे करीबी इक दिन यूँ ही सबसे दूर हो जाता है।।-
खूबियां दिखा दिखाकर चल रहे हो
तलाशने किसी ऐसे को जो खामियां भी पसंद करे!-
ऐसे कैसे नाराज़ होना छोड़ दूं!!!
मैने सिर्फ नाराज़गी जताने का हक छोड़ा है...
नाराज होने का नहीं।।-
मुस्कराहट कभी इससे ज्यादा उदास ना हुई...
क्योंकि जिसकी मुस्कराहट मेरी मुस्कराहट की गूंज हुआ करती थी..
आजकल वो सिर्फ तस्वीरो मे मुस्कुराती है।।
-
तेरी ये मुस्कराहट मुझे सुकून भी देती है और तकलीफ भी...
सुकून इस बात का कि खुश हो तुम और
तकलीफ इस बात की कि मेरे बिना भी खुश हो तुम..-
कभी रो पड़ती हूं तेरी कही बातें सोचकर,
कभी तेरी हंसी याद कर मुस्कुरा देती हूं।
जब भी डर लगता है तेरे बिन जीने में,
तेरा ना होना ही भुला देती हूं।।-
तेरे नाम के सहारे हर गम सह रहा हूं।
सूख गया हूं भीतर तक,
बस आंखों तले नम रह रहा हूं।।
-