दिल आखिर किसीको बेशुमार चाहता क्यूँ हैं
इस चाहत में तड़प क्यूँ होती हैं
मजा तब आता हैं जब कोई दूर रहकर भी करीब होता है
और कोई करीब होकर भी दूर होता है-
I am simply writer. Just write my thoughts as on my mind..
सुना हैं फूलों से दोस्ती बढ़ाने से
फ़ूलों की खुशबु के महक हम में से भी आती हैं
तो फिर क्यूँ ना फ़ूलों को अपना बनाये जाए
क्या पता फ़िर हम खुद ही फूल बन जाये-
बरसात के मौसम में बारिश भीग गई
पर हम रह गये सूखे के सूखे
वो भिगा तो गई हमारे तन को
मगर मन तो हमारा फिर भी प्यासा ही रह गया-
नटखट चंचल वो छैल छबीला
देख कर जिसको हो जाये मन तृप्त
ऐसा प्यारा जिसका हैं आज जन्मदिन
कान्हा हैं जिसका नाम
नाम से जिसके हों जाये होंठों पर लाली
अदाएं उसकी कर दे दिल को संतुष्ट
ऐसे मुरलीधर को मेरा प्रणाम
मुबारक हों आप सबको भी
कृष्णा जन्म-दिन की ढ़ेर सारी बधाई!!-
ठहरा नहीं में कहीं बस रुका हु कुछ वक़्त के लिये
मजबूत होकर वापस आववुं गा कहने दो जो कहना हो ज़माने को
फिर दुबारा कहा उनको मोका मिल ने वाला हैं-
बंधन बांध ने से जो कोई बंध जाता तो मैं आज खुदको बांध लू
एहसास दिलों का एक रक्षक हैं जो खुद जुड़ा हैं बंधन से
रक्षा करना हर विरा का कर्तव्य जो हर बहन का लाडला हैं-
फूलों का स्पर्श दिलों को छू जाता है
मूरझे हुवे फूलों से कोई इत्र बनाता है
तो कोई उसमें से जाम बनाता हैं
और कोई सरफिरा उसे फिर खिलाता हैं-
मत करो पर्दा इन हसीन चेहरे पर
ख़ाब को हसी हक़ीक़त बन गई हैं
इसे बस खुला छोड दो
बहारों को भी जरा खुलकर महक ने दो-
ऐ इश्क़ का रोग मुजे तूने लगा दिया हैं
बीमार रेहता हू हरदम तेरे इश्क में
क्या जरूरत हैं तुझे मुझसे दूर होने की
क्या पता फिर ये बीमारी मुजे साथ ले जाये
तुम दूर ही सही पर मेरे करीब तो रहती हो
मे सोच भी नहीं सकता तुमसे दूर होने का
जब बात आती है तुमसे दूर होने की
तो मेरी सांसे यूही रूकसी जाती हैं
सोच लें तू ये भी ज़रा क्या होगा तेरे जाने के बाद
ग़म नहीं मुझको रहेगा तेरे जाने के बाद
क्यूँ के ज़िन्दा कोन होगा यहाँ
क्या जरूरत हैं तुझे मुझसे दूर होने की
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बेह जाने दे उस अक्स को
दिल को थोड़ा सुकून मिलेगा
फिर चाहत की बारीश में भीग जाना हैं
पता नहीं फिर कब सवेरा होगा-