Kamlesh Paliwal   (कमलेश पालीवाल)
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Joined 21 December 2016


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14 SEP 2022 AT 12:38

माँ की ममता और पिता प्रेम की
सुंदर सी अभिव्यक्ति मैं हूँ,
हर भाषा से स्नेह मुझे,
हर भाषा की आसक्ति मैं हूँ,
मुझसे श्रद्धा, मुझसे ईश्वर,
मैं ही त्याग और भक्ति मैं हूँ,
दुल्हन का जोड़ा भी मैं हूँ
सुहागन की बिंदी भी मैं हूँ,
रस कानों में भरने वाली सबकी प्यारी हिंदी मैं हूँ।

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14 SEP 2022 AT 9:25

माँ की ममता और पिता प्रेम की
सुंदर सी अभिव्यक्ति मैं हूँ,
हर भाषा से स्नेह मुझे,
हर भाषा की आसक्ति मैं हूँ,
मुझसे श्रद्धा, मुझसे ईश्वर,
मैं ही त्याग और भक्ति मैं हूँ,
दुल्हन का जोड़ा भी मैं हूँ
सुहागन की बिंदी भी मैं हूँ,
रस कानों में भरने वाली सबकी प्यारी हिंदी मैं हूँ।

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14 JUN 2022 AT 17:20

कितनी निर्दयता से लिखा होगा
ईश्वर ने ये विधान!
कि जो एक बार चला जाए
उसे कभी लौटाया नही जाएगा।

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10 MAY 2022 AT 17:31

इंसान बड़ा नादान है
जो पूजता पाषाण है
ढूंढता है दर-ब-दर, जबकि
माता-पिता ही भगवान है।

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1 APR 2022 AT 20:55

चैत्र नवरात्रि और भारतीय नववर्ष की
असीम बधाई,अनंत शुभकामना।
माता रानी शक्ति,साहस,समृद्धि,सद्बुद्धि,सुविचार,
और स्नेह का संचरण निरंतर बनाये रखे।
जय माता दी।

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17 MAR 2022 AT 9:25

रंग गुलाबी,रंग हरा,रंग पीला और लाल!
हर रंग चढ़े बढ़-चढ़ कर, हर रंग करे कमाल !

मिटा दो सारी रंजिशे,न रहे कोई मलाल !
हर रंग ख़ुशी का बरसे यूँ, हो जाओ मालामाल ।

। रंगों भरी शुभकामना ।

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1 MAR 2022 AT 11:36

यकीनन जंग ए वतन में, सब कुछ होना फना है
पर जिंदा हूँ, है लहू रगों में; लड़ना कहाँ मना है।

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16 FEB 2022 AT 8:16

माँ ही माध्यम है, बाबूजी से बात होने का
जो माँ न हो, तो हमारा मौन ही शेष बचेगा।— % &

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3 NOV 2021 AT 23:23

इस वर्ष दिए कुछ यूं जगमगाएँ,
कि मन के अंधेरों को रौशन कर जाएं,
तम, मातम,निराशा रहे कौसों दूर,
हर जीवन उत्साह,खुशी से भर जायें।

हर्ष और उल्लास भरी अनंत शुभकामना।

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22 OCT 2021 AT 7:05

नफरत करके भले
जीत जाओ कोई युद्ध या दुर्ग
या लहरा दो
अपना परचम पराई प्राचीर पर।
पर कविता..!
कविता सिर्फ प्रेम में पड़कर ही
की जा सकती है मेरे दोस्त।

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