Kamlesh Kumar   (✍️k_introvert_tales🇮🇳)
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Reader, writer📚✍
A college student
Aspiring to be a teacher❤️
Joined 10 May 2020


Reader, writer📚✍
A college student
Aspiring to be a teacher❤️
Joined 10 May 2020
10 DEC 2021 AT 20:10

कब तक बोझ संभाला जाए,
द्वंद्व कहां तक पाला जाए,
दूध छीन बच्चों के मुख से,
क्यों नागों को पाला जाए।।
दोनो ओर लिखा हो भारत,
सिक्का वहीं उछाला जाए,
तू भी है राणा का वंशज,
फेंक जहां तक भाला जाए।।

RIP🙏

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27 SEP 2020 AT 23:38

I feel like I'm constantly at war with two
Sides of myself.
One side wants to do amazing things like
Move mountains and create worlds.
The other just wants lie in bed all day.

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18 JUL 2020 AT 21:47

यूहीं रास्ते में भटका करते थे,
कॉलेज की गलियों से कैंटीन और
कक्षा की ओर मंडराया करते थे,
अब वक्त का ये कैसा आलम है,
बस यादों में सिमटा है,
पुरानी यादों को लेकर
यूहीं परेशान हो जाते हैं,
मन उदास होता है ,
दिल बेचैन हो जाता है।।

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14 JUL 2020 AT 10:40

कुछ रास्ते जिंदगी में ऐसे मिले हैं,
जिस पर चलना तो आसान ना है,
पर चलना भी जरूरी है,
मंजिल का तो पता नही,
पर रास्ते बहूत अनुभवी है,
उस रास्ते पर चलना ख्वाब कहूँ या हकीकत,
जो कुछ मिला है बस यही तो अपना है,
संजोए रखना है और जिंदगी जीते जाना है,
कुछ रास्ते जिंदगी में ऐसे मिले हैं।।



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15 JUN 2020 AT 17:25

"The more I read, the more
I acquire, the more certain
I am that I know nothing"

Voltaire

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14 JUN 2020 AT 21:34

यूँ तो चेहरे पे खुसी लिए थे हमेसा आप ,
पर किसे पता था आप के अंदर इतनी तन्हाई थी,
आपकी किरदार ऐसी छपी है दिल मे,
लगता है अपनी किरदार कुछ ऐसे निभा रहे,
भरोसा ही नही होता कि आप अब हमारे बीच नही हैं,
पर आप हमेसा दिलों में बसे रहेंगे।।।

RIP SHUSHANT SINGH RAJPUT🙏💔

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14 JUN 2020 AT 21:24

Fear of losing important once
who is very close..❤️

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14 JUN 2020 AT 11:46

Happy Father's day

खुसी का हर लम्हा पास होता है ,
जब पिता साथ होता है।।
बेमतलब सी इस दुनिया मे,
वो ही हमारी शान हैं।।
मेरी पहचान आप से,
कैसे कहूँ आप मेरे लिए क्या हो।।
रहने के लिए तो है जमीन,
पर मेरे लिए तो पूरा आसमान आप हो।।।

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14 JUN 2020 AT 9:26

Solve my problems in hurry..,😅😅😥

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13 JUN 2020 AT 17:33

बाल मजदूरी



मजदूरी के चंद रुपयों ने छीन लिया है
बचपन का प्यार,
मुझे भी,
पढने लिखने का सपना
सजना अच्छा लगता है,
रोज शाम पार्क में
खेलने जाना अच्छा लगता है,
मजबूरी ने कर दिया
वक़्त से पहले बड़ा,
वरना सिर पर किसे
बोझ उठाना अच्छा लगता है।।

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