झुक जाती हैं सम्मान में, नजरे भी गैरो की
मेरा अंदाजे लिबास कुछ निराला है— % &-
मेरे हाथ का बेलन थामो तो अपने हाथ में, फिर देखो🤩
प्यार ही प्यार बरसे जब खाऊं फुल्के तुम्हारे हाथ के😋😘-
गृहणी के कार्यों का करो सम्मान
वरना कर दो उसके भी
बेहिसाब काम का हिसाब-
ठगा मुझे
परी हूं कह कह कर फिर पराया किया मुझे
देखो ना माँ बाबा ने कैसे ठगा मुझे
मात-पिता के रूप मे सास ससुर को अपनाया था
उन्होंने भी बहु नहीं बेटी हो, बेटी हो कहकर
फिर छल्ली कर अंगार भरे तंजो के बाणों से
देखो ना उन्होंने भी कैसे ठगा मुझे
अर्धांगिनी बन उनकी हर मौन ख्वाहिशों को पूरा किया
घुटन इन चारदीवारी की समझ सके ना वो
"आजाद"तो हो तुम कह कह कर
देखो ना उन्होंने भी कैसे ठगा मुझे
पीड़ा की उबाल में जलकर
उसका सृजन किया था मैंने
मेरे आदर्शों को, सोच से कंगाल हो माँ तुम कह कह कर
देखो ना बच्चों ने भी कैसे ठगा मुझे
हर कर्तव्य निभाया मैंने
खुद के प्रति खुद का दायित्व भूल गई
गैरों से क्या गिला करूं
देखो ना खुद को ही खुद से कैसे ठगा मैंने-
ख्वाबों की बस्ती में नहीं किसी का पहरा हैं
घूम आऊ अम्बर सारा कहा फिर ,पंखों की जरुरत है
2G,3G जैसा करु कुछ चारा घोटाला
खुद ही करू पैरवी या उड़न छू हो जाऊं माल्या जैसा
देख बेहाली को, करू दान रतन टाटा जैसा
नोटों संग खेलूं, रहीस हो जाऊं अम्बानी जैसा
देश की रक्षा के खातिर
दुश्मनों के ही पार्लियामेंट ,देशी जैसा या एटमबम रख आऊ
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छा रहा मातम जग में
कैसी फैली ये महामारी हैं😷
उस रूह को भी रुखसत कर ना सके
ये कैसीआंख मिचौली है🔥
हर सांस करे ये फरियाद
सुनसान रहे श्मशान, कब्रिस्तान 🙏🙏
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साथ रहने से तेरे
जिंदगी मेरी खुशहाल है
थक जाती हूं जब कामकर
तुम्हें ही तो ताने देकर
मिटाती अपनी थकान हू🤪😘-
ना सजती हूं ना संवरती हूं
जोगन बन एक तूझे ही दिल के कोने से रमती हूं
ना हंसती हूं ना खिलखिलाती हूं
सोचती हूं तूझे तो बन्द लवों से ही मुस्कुराती हूं
ना कहना अच्छा लगता है ना सुनना
सिवाय तेरे , सहेलियां भी नहीं भांति मुझे
ना फासले है ना दुरियां है
एक इजहार , देख नजदीकियां ही नजदीकियां है
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चल कही दूर चले
जिए सिर्फ एक दूजे के लिए
ना दुनिया का शोर हो
मोहब्बत भरी खुशियों की भोर हो
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केजरीवाल जनता से
मैं आप लोगो की भलाई के लिए
एक छोटू सा लॉकडाउन लगा रहा हूं
आप लोग दिल्ली छोड़ कर कही मत जाना
जनता
हमें मालूम है 😩😷
👇👇👇
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