चाहें तो उछाल कर देख लो, या कस के पकड़ कर
ये सूखीं रेत की फ़ितरत है, उसे ठहरना नही आता
कमलजीत सिंह-
तम्मनाओं को दरकिनार कर जिमदारियो को गले लगाने वाले अक्सर कमाल कर जाते हैं....
कमलजीत सिंह-
यूँ तो मायूसिया लाज़मी है गर वक़्त साथ न दे,
पर तू सब्र रख, शायद खुदा ने तेरे मुक़दरों में आसमां लिख डाला हो
कमलजीत सिंह-
वो जो छुपा उसमे बच्चा सा है,
वो आज भी आता है, खेलता है और
फिर चला जाता है
कमलजीत सिंह-
To my favorite person !
I miss you a lot,it's been a lot of time since we met and I just hope you are doing well.
Just stay safe and take proper care of yourself because you belong to me ❤️
~Sat~-
चंद बत्तमीजिंयो ने ही तो महफ़ूज़
रखा है साहब
हमने देखा है यहा तहजीबों को
सरेआम कुचले हुए
कमलजीत सिंह-
मोहब्बत के बाद मोहब्बत मुमकिन तो है
पर टूट कर चाहना सिर्फ एक बार होता है-
Firse Teri yaadon ka mere dil me bavadar hai
Wahi mausam, wahi sardi, wahi dilkash December hai-
कोशिश करो के तुम जज़्बे को थोड़ा
नजाकत से सहलाते रहो
कमबख्त ये उम्मीदें बड़ी नर्म दिल होती
हैं, जल्दी हार मान जाती हैं
कमलजीत सिंह-
कहा जाये तो अपनों की भीड़ है
समझा जाये तो सभी अजनबी है
कमलजीत सिंह-