कीमत रही न जुबान की, बात का रहा न मोल |गरज परस्त इंसान हुआ, सिद्धांतों का मोल न तोल || -
कीमत रही न जुबान की, बात का रहा न मोल |गरज परस्त इंसान हुआ, सिद्धांतों का मोल न तोल ||
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