बना योजना फिर नयी, नया मिलेगा माल.
खोद सड़क विकास करें, नया लगा है साल. (1)
टाट पर मखमल सिल दे, तरक्की जग दिखाए.
कच्ची दीवारें पॉलिस, संगमरमर बतलाए. (2)
मुद्दा कोई उछाल कर, लोग को दे लड़ाए.
चल सबकी भावना से, आज खेलते जाए. (3)
पाईप निकाला बीच, नयी सड़कों उखाड़.
कोई सोंच न पछताए, देश पूॅंजी उजाड़. (4)
बिगड़े, सड़े, सड़ जाये, यह सरकारी माल.
खुद अपना क्या जाये, देख देश के हाल. (5)
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