आलस्य, कामचोरी, शत्रु,
दु:ख खड़े करें हजार।
बिना धन मुश्किलें कई,
सब जगह होवें हार।।-
शर्म नही हो आंखों में,
इरादे नहीं नेक।
ऐसा इंसान देख समझ,
उसमें दोष अनेक।।-
ना कोई विशेष है,
ना कोई बेकार।
सब तत्वों के संयोग से,
बना है यह संसार।।-
लाख करें चतुराई,
बचना चाहे सब कोई,
चलें सम्भलकर मगर,
होनी एक दिन होई।।-
बल पर इतराये प्राणी,
बल कोई हो पास।
बल पर किया अभिमान,
होता एक दिन नाश।।-
तुझमें शक्ति है बहुत,
करले उनका विकास।
जो चाहे वो कर सके।
क्यूँ करे किसकी आश।।-
दूर ही रहे सदा तुम,
करीब तो कभी आ न सके।
दिल में बस के भी जिंदगी,
का साथ निभा न सके।
विपरीत धाराओं में बॅंट गए,
हम तुम तो पूरब पश्चिम।
न तुम हमें समझ पाये,
और तुम्हें हम मना न सके।।-
लालच ऐसी चीज है,
जिसका अंत ना होए।
ईमान बिके विश्वास टूटे,
ठोंकर खाए पथ खोए।-
थोड़े में संतोष कर,
ज्यादा की न आश।
थोड़ा तेरे पास रहे,
थोड़ा हो सबके पास।।-
विश्वास में कोई धौखा दे,
दिल को अखरी जाए।
नज़र से गिरे साथ छूटे,
बात न भूल पाए।।-