Kamal Panchal  
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Na muh chhupa ke jiyo aur na sar junka ke jiyo.
Joined 1 August 2019


Na muh chhupa ke jiyo aur na sar junka ke jiyo.
Joined 1 August 2019
1 JAN 2023 AT 10:05

🌹🌹Happy New Year 2023🌹🌹

नयी उम्मीद नई आशाओं के साथ,
चलो नये वर्ष की शुरुआत करते हैं.
नये जमाने में नये सपनें नये रास्ते,
नये सृजन नये वक्त की बात करते हैं.

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11 DEC 2022 AT 11:31

सत्य मत छोड़ना वीर,
चाहे मुश्किल आए.
सत्य से बॅंधी सफलता,
एक दिन गले लगाए.

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10 NOV 2022 AT 8:29

घटी सत्य की अहमियत,
है फ़रेब का दौर.
अंधे बहरे न्याय से,
मिटा सत्य का ठौर.

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9 NOV 2022 AT 9:31

नीच नीचता से भरी,
सदा चल रहा चाल.
श्वान पूॅंछ टेड़ी रहे,
बाॅंध रखो सौ साल.

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7 NOV 2022 AT 9:32

जले तरक्की देख कर.
बीच अड़ाये टांग.
चले चाल दुश्मनी की,
अपनापन का स्वांग.

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4 NOV 2022 AT 13:01

बना योजना फिर नयी, नया मिलेगा माल.
खोद सड़क विकास करें, नया लगा है साल. (1)
टाट पर मखमल सिल दे, तरक्की जग दिखाए.
कच्ची दीवारें पॉलिस, संगमरमर बतलाए. (2)
मुद्दा कोई उछाल कर, लोग को दे लड़ाए.
चल सबकी भावना से, आज खेलते जाए. (3)
पाईप निकाला बीच, नयी सड़कों उखाड़.
कोई सोंच न पछताए, देश पूॅंजी उजाड़. (4)
बिगड़े, सड़े, सड़ जाये, यह सरकारी माल.
खुद अपना क्या जाये, देख देश के हाल. (5)

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2 NOV 2022 AT 14:28

दिल से निकले शब्दों की माला पिरो रहा हूँ.
अपने जख्मों पर आहिस्ता मरहम लगा रहा हूँ.
बहुत बहे थे कभी किसी की याद में ये आंसू.
तस्व्वुर उनका करके अपना मनोरंजन कर रहा हूँ.

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22 OCT 2022 AT 10:26

आओ प्रेम दीप जलाऐं,
घर आंगन फिर जगमगाऐं.
घना अंधेरा नफ़रतों का,
हिल-मिल सब दूर भगाऐं.

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19 OCT 2022 AT 8:34

हम तो मुसाफ़िर हैं यारों,
दुनिया की गलियों से गुजर जायेंगे.
तामीर कभी हो ना सकी उन,
ख्वाबों के खण्डहर छोड़ कर जायेगें.
हस्ती थी ही कहाँ अपनी जो,
मिटने का कुछ ग़म लेकर जायेंगे.
मौत मिटा न सकेगी निशान अपना,
काम हम कुछ ऐसा कर जायेंगे.

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17 OCT 2022 AT 10:57

मुखौटा लगा सिंह का,
दहाड़ रहे सियार.
उल्टा देखलो जमाना,
आया अबकी बार.

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