Kamal Kumar   (कमल "आज़ाद")
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Retired Engineer from Prasar Bharati Corp. All India Radio
Joined 3 April 2021


Retired Engineer from Prasar Bharati Corp. All India Radio
Joined 3 April 2021
22 MAR AT 0:13

मौसम के बदलते मिजाज का
कोई पता नहीं
कब कोन सा रंग दिखा जाए
ये उसको भी पता नहीं
गिरगिट की तरह रंग बदलना
इंसान की फितरत है
कब प्यार करे कब धोख़ा दे
दिमाक मे कब फितूर जाग जाए
ये इंसान को पता नहीं..
21/03/2024

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29 JAN AT 0:31

अंतिम सांस

माँ बाप चले गए सबको कहते राम राम
अपनो का असली चेहरा देख हुए हैरान
उन्हे नहीं मालूम था ऐसा रंग दिखायगे
अपने ही अपनो को बाहर का रास्ता दिखायगे ||

क्या कमी रह गयी लालन पालन मे
हर जिद पूरी की जबकि थे नाकाम
खूब कमाया लूटाया बिठाया सर पे
उन्हे नहीं मालूम था ऐसा रंग दिखायेंगे
अंतिम समय कोई नही बस यूही मर जाएंगे.||
29/01/2024

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19 JAN AT 10:47


मरने के बाद कोई वापिस नही आता
चाहे इंसान हो या देवता
प्राण निकलने के बाद सब मिट्टी
फिर मिट्टी मे प्राण क्यो फूकना
जो हो नही सकता
फिर लोगो को मूर्ख बनाकर धंधा क्यो l
मरने के बाद....
19/01/2024

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9 JAN AT 23:54


धन से बेशक गरीब रहना
पर दिल से रहो धनवान
झोपड़ी पर लिखा होता है सुस्वागतम
और महलो के बाहर कुत्तो से सावधान||

कुत्ते भी कोमा मे चले गए
क्या मस्त चाटता है तलवे इंसान..
गिद्ध भी कहीं चले गए
यह देख कर हमसे अच्छा नोचता है इंसान||

कोई टोपी तो कोई पगड़ी बेच देता है
भाव अच्छे मिले तो जज कुर्सी बेच देता है||
आत्महत्या कर ली गिरगिट ने
सुसाइड नोट छोड़कर
अब इंसान से ज्यादा रंग नही बदल सकता.. ////
08/01/2024

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2 JAN AT 23:29

माँ मै आ गया हू ..
माँ अस्पताल के बिस्तर पर पड़ी है
ना सुन सकती है न बोल सकती है
देख कर भी कुछ कह नही सकती
काले अंधेर दुनिया मे गुम हो चुकी है
उम्मीद की किरण अब खो चुकी है
वो दुनिया को अलविदा कह चुकी ..
माँ मै आ गया हू...
जब वो बीमार थी
तब उसको इग्नोर करते रहे
वो पुकारती रही इंतज़ार मे रोती रही
अकेला छोड़ अपनी मस्ती मे डूबे रहे
बेटा बेटी पैसे का हिसाब करते रहे
कोन रखेगा उसका जुगाड़ हिसाब करते रहे
कही इन्फैक्ट न हो जाऊ बार बार हाथ धोते रहे...
माँ मै आ गया हू..
लेकिन वो अब घर मे नही है
दूर यात्रा पर निकल चुकी है
लौट कर आना अब असंभव है
खत्म कर गयी सबके गिले शिकवे
अब वो न वापस शक्ल दिखाएगी
उसकी यादों के सहारे बस जिंदगी खत्म हो जाएगी..
तुम चिल्लाते रहो चिल्लाते रहना
माँ मै आ गया ..
02/01/2024



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28 DEC 2023 AT 23:38

मिला नहीं

जो नही मिला कोई गम नही
जो मिला तो कोई फिक्र नही
एक राह पकड़ राही तू चलता चल
भले ही जीवन मे कोई रंग नही |
रंगो की दुनिया भी अजब गजब है
अब आंखो को रंगो का फ़र्क समझता नहीं ||
जो नही...
27/12/2023


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7 DEC 2023 AT 23:53

अपनी ताकत को पहचाने
आप वो चीटि हो
हाथी की सूंड मे घुस जाये तो डान्स करा दे
अगर अपनी पे आ जाये तो राज बदल दे
परवाने दिये की चाह मे बलि चढ जाए
अपनी ताकत से दुश्मन के छक्के छुड़ा दे
ताकत इंसान की स्टोर एनर्जी है
उपयोग करे तो लक्ष्य तय
दुरूपयोग करे तो सब को बरबाद करे
अपनी ताकत को पहचाने
आप वो चीटी हो सबको डान्स करा दे..

07/12/2023

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5 DEC 2023 AT 0:28

कुत्तो की जिंदगी भी क्या जिंदगी है
घर मे रहे तो ऐश
सड़क पर रहे तो बरबादी
ना खाने की परवाह ना सोने को जगह
घर मे मालिक की गुलामी
जब कहे भोको तो भोको
सड़क पर भोकने दोडने काटने की आज़ादी
टुकड़ो पर पलने वाले कुत्ते
हड्डी की लालच मे मुह बाये रहते है
सड़क के कुत्ते आज़ादी मे घुमते है
आज़ादी का मजा गुलामी मे कहा
गुलामी मे जीना बंद कर
आज़ाद बने मस्त जिये इंसान बने
काटे उन बेड़ियों को जिसना जीना दूभर किया...
04/12/2023



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1 DEC 2023 AT 0:09

पापा कहते है......

बाप ने सोचा बेटा बड़ा होकर कुछ बनेगा
आप सोचते रहे वो कुछ न बना
बाप ने कमाया पढाई मे खुब लुटाया
किसी ने उधार लेकर पढाया
तो किसी ने जमीन बेच कर पढाया
सोचा
इंजीनियर डॉक्टर सी ए या वकील तो बनेगा
बुढ़ापे मे माँ बाप का सहारा बनेगा
मगर ये क्या हुआ अफसोस
कोटा मे पढ़ने की बजाय सुसाइड कर लिया
माँ बाप का सपना धरा का धरा रह गया
वो मंदिरों का घंटा बजाते रह गये
नन्ही जान खुदा से पूछने निकल लिया
उसकी क्या खता थी जो ऐसे मिले
पढाई के नाम पर हम को मजबूर किये
आप सोचते रहे वो कुछ न बना
आप सोचते रह गए वो ......
कमल कुमार 'आजाद'
30/11/2023














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25 NOV 2023 AT 23:42

तो ऐसा क्यो नही होता
क्योकि हर सपना पूरा नही होता
जुनून हो जब जीने का
वक्त को कैद कर लू ऐसा नही होता।
जिंदगी बहती दरिया की तरह
एक ही लय मे बहे ऐसा क्यो नही होता ।।
सपनो की दुनिया मे अजीब अंधकार है
रात को देखा सपना सुबह पूरा नही होता।।
क्योकि हर सपना...
27/11/2023


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