वो क्या जाने हम पर क्या गुजरी है
उनकी तो हर रात चैन से गुजरी है
तुमको लगता है बड़ी आसान है मेरी जिंदगी
जरा पास आकर देखो दिन इंतजार और रात बस उम्मीद में गुजरी है-
तुझको भूलने के लिए अब गैरो को अपनाता जा रहा हु
जरा देख आकार आखिर कैसी मैं जिंदगी बिता रहा हु
झूठ शराब शबाब किस किस का सहारा नही लिया
देख तेरी दूरी में मैं कैसे खुद को गिराता जा रहा हूं-
गमों के झूले में यूं झुल चुका हूं
तेरे जाने का सच मै कबुल चुका हूं
अब अगर तुम रूठे हो तो बस रूठे ही रहना
तूम्हे मनाने का हुनर मै भूल चुका हूं-
अक्सर अपनो से दगा कर जाते है लोग
गुनाह करके फिर बिखर जाते है लोग
कुछ तो गलती तुमने भी की होगी शायद
आखिर यू ही नहीं नजरो से उतर जाते हैं लोग
Kamal Garg-
मुझें भुलाने की हर इक वजह तू रट गया होगा
तेरा वो वक्त जो मेरा था अब गैरो मे बट गया होगा
तुझसे पहली मुलाकात की खुशबू अब तक मेरी सांसो मे है
मुझे यकिन है मेरा चहरा तक तेरे जहन से हट गया होगा
Kamal garg-
हमसे ज़रा उम्मीदों को कम रखना तुम
दुखो को झेलने का भी ज़रा दम रखना तुम
हम दिलजले आशिक है तुम्हे भी चोट पहुंचाएंगे
हमसे रिश्ता रखने से पहले ज़रा आंखो को नम रखना तुम-
ਤੇਰੀ ਯਾਦ ਆਈ ਤੇ ਪੀ ਲੈਨੇ ਆਂ
ਦੋ ਪਲ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦੇ ਜੀ ਲੈਨੇ ਆਂ
ਅਸੀ ਦਰਦ ਵੰਡਾਉਣ ਨੂੰ ਲਿਖਦੇ ਆਂ ਸਜ਼ਣਾ
ਅਸੀ ਦਰਦ ਵੰਡਾਉਣੇ ਆ ਤਾਂ ਤੇਰਾ ਕੀ ਲੈਨੇ ਆਂ
Kamal garg-
अपने इश्क की ये कैसी कीमत चुका रहे है
लाखो दर्द है फिर भी उसकी यादों में मुस्कुरा रहे हैं
बस एक दफा इश्क भरी निगाहों से देखा था उनको
उस इक खता की सजा हम अब तक पा रहे हैं-
पहले बिखरा सा था मैं पर सवर गया तेरे आने के बाद
गमों भरी महफिल भी महकाती थी तेरे मुस्कुराने के बाद
तुम कहती थी के जी लेते लोग इक दूजे के साथ के बिना
फिर क्यों आखिर ये दिल जीना नहीं चाहता तेरे जाने के बाद-
उसने हमसे पूछा आखिर क्या तुम किए जा रहे हो
बस उसे पाने की ज़िद में यूं जिए जा रहे हो
के प्याला ज़हर का है या शराब का इतना भी होश नहीं तुमको
बस जाम होठों से लगाए पिए का रहे हो
Kamal garg-