ज़िंदगी के किसी न किसी मोड़ पर उलझना जरूर हैं...
ये सोचना हमें हैं कि उलझना अभी हैं या और थोड़ा दूर हैं....-
Kamakshi Mishra
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Mahabharata lover
Joined 10 January 2020
31 JAN 2023 AT 11:38
23 NOV 2022 AT 12:00
फिर मिलेंगे कहीं...
लिखने को किस्सा नया...
तब तक के लिए....
अलविदा...
अलविदा...
अलविदा...-
18 JAN 2022 AT 6:53
A
Broken
Chain of thoughts...
Left her broken...
As the first time...
Roots of her love has been shaken...-
17 JAN 2022 AT 21:46
A
Brutual
Calling of luck...
Ends her dreams...
It's even harder to understand
Than it seems...
💔💔💔-
17 JAN 2022 AT 21:43
उसे लगा कि आगे बढ़ रही हूँ मैं...
कैसे कहूँ, उससे कि असल में बिखर रही हूँ मैं...-
16 SEP 2021 AT 21:30
प्रेम का बीज अंकुरित शांति में होता है...
परंतु विकसित तूफान में...-
16 SEP 2021 AT 21:24
अस्त हो रहे अस्तित्व को...
उदय की तलाश है...
बस इसी तलाश में तो...
आस का प्रकाश है...-
13 SEP 2021 AT 20:45
प्रेम प्रतीक का मोहताज नही होता...
परंतु... हाँ...
प्रतीक जरूर प्रेम का मोहताज है...-
13 SEP 2021 AT 20:41
शिव का सौम्य ताण्डव यदि जीवन का आधार है...
तो रौद्र ताण्डव मृत्यु का अधिकार है...
चयन आपका है...-