4 MAR 2019 AT 13:02

सुनते हैं इश्क नाम के गुजरे हैं इक बुजुर्ग,
हम भी बदनाम इसी सिलसिले में हैं ।

मशहुर शायर "फिराक़ गोरखपुरी"

सुनते हैं इश्क करके मर जाया करते हैं लोग,
मेरा जनाजा भी इसी काफीले में है ।

जनाजा:- लाश
काफीला:- लोगों का समूह

- Kalyani poet